रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन चुनाव को लेकर एकजुट होने का दावा करने वाली पार्टी के भीतर एक राय नहीं बन पाई है और कई जिलों में विवाद की स्थिति है. यही वजह है कि संगठन चुनाव पर नेताओं के बीच सहमति अब दिल्ली में बनेगी. दिल्ली में 19 सितंबर मंगलवार को संगठन चुनाव को लेकर अहम बैठक है.

वैसे विवाद तो नेता-प्रतिपक्ष रविन्द्र चौबे के क्षेत्र में भी है,  डॉ. चरणदास महंत के क्षेत्र में भी और सत्यनारायण शर्मा के क्षेत्र में भी. इसके साथ करीब दर्जन भर जिला अध्यक्षों और 20 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति पर सहमति नहीं बन पा रही है. लेकिन चर्चा राजधानी रायपुर को लेकर खूब हो रही है. ये चर्चा किस रूप में ये भी आप पढ़िएगा. लेकिन सबसे अहम सवाल जो बीते दिनों सोशल मीडिया के प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की ओर से उठाए गया.  भूपेश बघेल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, तभी एक कार्यकर्ता की ओर कहा गया कि इस बार जिला अध्यक्ष का चुनाव बड़े नेता ना करें, जो भी हो कार्यकर्ताओं की पसंद से अध्यक्ष चुना जाए. इस एक सवाल ने कई सवाल पैदा कर दिए थे, साथ यह भी साफ हो गया था कि संगठन चुनाव नेताओं हिसाब से होते हैं कार्यकर्ताओं के मुताबिक नहीं.

खैर अब चर्चा राजधानी रायपुर जिले को लेकर. जहां जिला अध्यक्ष कौन बनेगा इसे लेकर सबकी निगाहें है. क्योंकि पीसीसी अध्यक्ष के विश्वसत सूत्रों के मुताबिक रायपुर को लेकर यह कह दिया गया है कि यहां अध्यक्ष मेरा ही होगा. जी हां ऐसी खबरे पूरी प्रमुखता से कहा जा रहा कि रायपुर जिले का अध्यक्ष, अध्यक्ष का ही होगा.  शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय शायद दूसरी बार अध्यक्ष नहीं बनेंगे ये तय है. लेकिन उनकी जगह जो अध्यक्ष बनने जा रहे हैं,  उनके नाम की खूब चर्चा हो रही है.  बताया जा रहा कि अध्यक्ष समान्य वर्ग के ब्राम्हण कोटे से एक दूबे हो सकता है.  लेकिन दूबे के नाम बड़े नेताओं की सहमति नहीं बन पाई है. वैसे चर्चा कांग्रेस के ही एक प्रवक्ता को भी शहर अध्यक्ष बनाने को लेकर भी हो रही है.  ये प्रवक्ता टीवी पर कम दिखते हैं, लेकिन अध्यक्ष के प्रिय बताए जाते हैं.  उस कोटे से भी हैं जिनका प्रतिनिधित्व कांग्रेस के भीतर कम दिखता है. बहुसंख्यक में अल्पसंख्यक को महत्व मिला तो अध्यक्ष बनना तय बताया जा रहा है.

इन सबके बीच सबकी निगाहें मंगलवार की बैठक को लेकर है. इस बैठक में पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव तो मौजूद रहेंगे ही,  मोतीलाल वोरा भी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे.  चुनाव अधिकारी मुल्लापल्ली रामचंद्र्न प्रदेश के नेताओं के साथ संगठन चुनाव को लेकर चर्चा करेंगे. जिन जिलों में सहमति बन गई है उसे फाइनल कर दिया जाएगा. वहीं जिन जिलों में विवाद की स्थिति उसे विवाद को बड़े नेताओं के बीच सहमति बनान खत्म किया जाएगा.