नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. इस भारत बंद को कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ 11 विपक्षी दलों ने समर्थन किया है. वहीं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है.
दिल्ली की सीमा पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों के साथ डेरा डाले बैठे किसान नेता बलदेव सिंह ने केंद्र सरकार से पांच दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने पर कहा कि उन्होंने हमसे कहा था कि वो 7 तारीख को डॉक्यूमेंट पूरा करके बैठक करेंगे और ऐसा न हुआ तो हमें बताएंगे. फिर हमने उन्हें 8 तारीख दी थी पर उस दिन भारत बंद को तोड़ना हमें सही नहीं लगा। ये उनकी मंशा नहीं थी, हमारी ओर से ही 9 तारीख का समय दिया गया है.
शादी-ब्याह और इमरजेंसी सेवा पर रोक नहीं
वहीं किसानों का आंदोलन में साथ दे रहे योगेंद्र यादव ने कहा कि 8 तारीख को सुबह से शाम तक भारत बंद रहेगा. चक्का जाम शाम तीन बजे तक रहेगा. उन्होंने बताया कि दूध-फल-सब्ज़ी पर रोक रहेगी. लेकिन शादियों और इमरजेंसी सर्विसेज़ पर किसी तरह की रोक नहीं होगी.
कांग्रेस सहित अन्य दलों का मिला समर्थन
कृषि बिल के विरोध में किसान संगठनों द्वारा 8 दिसंबर को आहूत भारत बंद को कांग्रेस पार्टी सहित आप, टीआरएस, राजद, सीपीआई, शिवसेना, टीएमसी सहित अन्य 11 दलों का समर्थन मिला है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस किसानों के संघर्ष में उनके साथ है. किसानों द्वारा आहूत भारत बंद में पूरे दिन से उनके साथ हैं. हमने अपने सभी जिला इकाइयों को किसानों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन के लिए निर्देशित कर दिया है.
कृषि मंत्री ने की वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा
इस बीच केंद्र सरकार अपनी कवायद जारी रखे हुए हैं. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के मुद्दे पर अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने चर्चा में कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार बुधवार को नई दिल्ली में किसानों के संगठनों के साथ छठे दौर की वार्ता करेगी. मंत्री पहले ही बातचीत में किसान संगठनों से स्पष्ट कर चुके हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रखा जाएगा और इसे खत्म करने की कोई आशंका नहीं है.