अमृतांशी जोशी,भोपाल। बगैर ओबीसी आरक्षण के एमपी पंचायत चुनाव कराए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस की गई. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि समाज संक्रमण काल से गुजर रहा है. मध्यप्रदेश उसकी आग में जल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कल बीजेपी सरकार की मंसा स्पष्ट कर दी. हमारी सरकार ने 27 प्रतिशत ओबीसी को आरक्षण दिया और 10 प्रतिशत आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया था. कांग्रेस के सभी नेता कोर्ट में हलफनामा देने को तैयार है. 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए.

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पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि पांच बार पंचायत एक्ट के तहत प्रदेश में चुनाव हुए फिर बीजेपी सरकार को नया अध्यादेश लाने की क्या जरूरत थी. जबकि हमारी सरकार ने आरक्षण, परिसीमन से लेकर सभी प्रक्रिया पूरी कर दी थी. हमारी सरकार ने 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था. यह कोर्ट में सही से पैरवी नहीं कर पाए, सही तथ्य नहीं रखे. पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय किया. पिछड़ा वर्ग को मिला हुआ आरक्षण बीजेपी और आरएसएस ने अपने छिपे हुए एजेंडे के तहत छीन लिया. अगर बीजेपी पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देना चाहती है, तो विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर कानून बनाकर संसद से पास करवाए.

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कमलेश्वर पटेल ने कहा कि कमलनाथ यह निर्णय ले चुके है कि कांग्रेस जीतने वाले पिछड़े वर्ग के लोगों को 27 प्रतिशत के आधार पर टिकिट देंगे. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट में भी सरकार फेल हो गई. आरएसएस का एजेंडा है, उसे बीजेपी लागू करना चाहती है. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कमलेश्वर पटेल, पीसी शर्मा, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जे.पी धनोपिया और युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया भव मौजूद रहे.

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