चन्द्रकांत देवांगन, दुर्ग. भिलाई सेक्टर 9 अस्पताल के ब्लड बैंक के निलंबन के मामले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य दीपक दुबे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है. भिलाई सेक्टर 9 अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस खाद्य एवं औषधि नियंत्रक के द्वारा 28 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया है, जिससे मरीजों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

860 बेड अस्पताल होने के बावजूद सेक्टर 9 अस्पताल की साख इस तरह की है कि हर रोज़ लगभग 2000 मरीज़ अपना इलाज कराने पूरे राज्य एवं आस पास के क्षेत्र से वहां पहुंच रहे हैं. इनमे से करीब 20% लोग गंभीर बीमारियों का इलाज करने पहुंचते हैं.अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस 28 अप्रैल से निलंबित है, जिससे अस्पताल द्वारा कई मरीजों को अस्पताल से बिना इलाज छुट्टी कर दी गयी है.

दीपक दुबे

राज्य सरकार के इस कदम के विरोध में भिलाई क्षेत्र में प्लांट के यूनियन से लेकर अस्पताल के स्टाफ ने मोर्चा खोल रखा हैं. दीपक दुबे ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सेक्टर 9 अस्पताल ब्लड बैंक को निलम्बित करना एक साजिश का हिस्सा है. जिसके तहत सरकार अस्पताल का निजीकरण करते हुए उसके प्रबंधन से पिंड छुड़ाना चाहती है. वही इस साजिश में प्रदेश के मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल है. यही वजह रही है कि पिछले लम्बे समय से अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी रही है.

उनका यह भी कहना था कि अस्पताल का बर्न यूनिट एक समय तक पूरे महाद्वीप में अव्वल रहा, एक समय में यह हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ की संजीवनी माना जाता था. लेकिन आज अस्पताल में डॉक्टरों की कमी का बहाना बना कर मरीजों को लौटाया जा रहा है. ताज़ा स्थिति में ब्लड बैंक बंद करने का नया हथकंडा इसी कारण अपनाया गया है, जिससे अस्पताल की साख घटाई जा सके और इसका निजीकरण करना तर्कसंगत लगने लगे.

दीपक दुबे ने सरकार पर अनुच्छेद 47 का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार अपने नागरिकों को इलाज की सुविधा मुहैया कराने को बाध्य है. अस्पताल के ब्लड बैंक में इंस्पेक्शन के दौरान पायी गयी कमियों को दूर करने के बजाय उसे बंद कर मरीजों की समस्याएं बढ़ा दी गयी हैं. और उनकी जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. राज्य शासन के द्वारा इस मुद्दे पर जनता के हितों के विपरीत निर्णय लिया गया है.

वही इस पुरे मामले में स्थानीय मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे का कहना राज्य सरकार की अपनी कोशिश जारी है. वह जनता की समस्याओं को देखते हुए जल्द ही इसका समाधान करने के प्रयास में जुटी है।