रायपुर। जिस चावल योजना योजना से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह चाउर वाले बाबा बने और जिसकी बदौलत वे तीसरी बार मुख्यमंत्री दरअसल योजना के पीछे कांग्रेस की यूपीए सरकार रही है. क्योंकि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने 2013 में खाद्य सुरक्षा कानून लाकर देश भर में रियायती दरों में चावल देने की योजना शुरू की. ये कहना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर का. अकबर ने कहा कि सस्ते दरो में चावल देने की योजना का ढिंढोरा पीटने वाली रमन सरकार की यूपीए सरकार देन से वाह-वाही लूट रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार ने भले ही 2012 में खाद्य सुरक्षा कानून यूपीए सरकार से 3 महीने लागू कर दिया था लेकिन इसका मसौदा तो यूपीए सरकार की है. आज देश भर में 3 रुपये किलो में 75 फीसदी ग्रामीण और 50 फीसदी शहरी आबादी को चावल मिल रहा है. इसकी शुरुआत 2013 में मनमोहन सरकार ने की थी. चावल योजना में सब्सिडी देने का केन्द्र का रहता है. इसमें 2 रुपये अपना जोड़कर रमन सिंह 1 रुपये में चावल दे रहे हैं. मतलब ये कि देश भर में सस्ता चावल देने का काम मनमोहन सरकार ने शुरू किया है और इसे अब सीएम डॉ. रमन सिंह चाह भी ले तो भी वे बंद नहीं करा सकते. मोहम्मद अकबर ने यह बयान सीएम डॉ. रमन सिंह के उस बयान पर पलटवार करते हुए दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री ने कोण्डागांव में सभा के दौरान 1 रुपये सस्ता चावल देने की बात कही थी.