रायपुर. छत्तीसगढ़ सियासी जंग का मैदान बना हुआ है. कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच घमासान मचा हुआ. दोनों दल के नेता एक दूसरे पर छींटाकशी का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. भाजपा कवासी लखमा पर दर्ज हुए मामले को लेकर कांग्रेस को लगातार घेरते नजर आ रही है. भाजपा नेता का कहना है कि कांग्रेस का चरित्र दैनिय चरित्र है. वहीं अब इस मामले को लेकर कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कांग्रेस प्रत्याशियों के खिलाफ BJP षड्यंत्र कर रही है. कवासी लखमा को प्रत्याशी बनाने से BJP बौखला गई है. बौखलाहट में BJP ने कवासी लखमा पर केस दर्ज किया है.

टिकट को लेकर निशाना

कांग्रेस की प्रत्याशियों की सूची जारी होने में देरी को लेकर भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा, कांग्रेस नामांकन से पहले प्रत्याशी की सूची जारी कर दे. गुटबाजी के चलते सूची जारी नहीं हो रही है. प्रत्याशी चयन में ऐसा क्या कर रही है, कांग्रेस पता नहीं? गुटबाजी से लिप्त कांग्रेस प्रत्याशी नहीं चयन कर पाई. नए प्रत्याशी नहीं मिल पाए, वहीं पुराने लोगों को उतारा है. चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर लगभग 20 प्रतिशत पुराने चहरे होते हैं. यहां सभी के सभी पुराने चहरे हैं.

भाजपा के कई प्रत्याशियों का चुनाव लड़ने से इंकार

इतना ही नहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस पर 4 सीटों पर प्रत्याशी नहीं ढूंढ़ पा रही है. जिस पर सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, भाजपा के कई प्रत्याशी चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं. यह 400 पार का दावा करने वाली पार्टी की हकीकत है.
400 सीटें जीत रहे होते तो दूसरी पार्टियों से नेता नहीं लाना पड़ता. कांग्रेस के 4 प्रत्याशियों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी.

प्रदेश अध्यक्ष को इस लायक नहीं समझा

वहीं भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने बस्तर से कवासी लखमा की टिकट मिलने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को यहां के प्रदेश अध्यक्ष पर भरोसा नहीं है. 2023 चुनाव में काफी बयान सामने आए. एक दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं. नेतृत्व की बात तो दूर प्रदेश अध्यक्ष को इस लायक नहीं समझा जा रहा है कि वह चुनाव लड़ें. इससे कांग्रेस की स्थिति समझी जा सकती है.

कांग्रेस का चरित्र दैनिय

कवासी लखमा पर हुई FIR को लेकर भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा, कांग्रेस का चरित्र दैनिय चरित्र है. हर कर्म और दुष्कर्म कर लो इनके राज में. पैसा बहुत है कवासी लखमा के पास, इसलिए उन्हें प्रत्याशी बनाया गया. आचार संहिता के बीच अगर आप पैसा बाटेंगे तो कार्रवाई निश्चित रूप से होगी.

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