भिंड। जिले के लहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर कांग्रेस का जांच दल पीड़ितों के घर पहुंचकर मृतक के परिजनों से चर्चा की. इस दौरान पीड़ित परिवार ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए. पीड़ितों ने एसडीओपी पर आरोप लगाया कि पुलिस को जानकारी थी, शराब पीने से मौत हुई फिर भी शवों का पोस्टमाटम नहीं होने दिया. कोरोना का डर भय दिखाकर पुलिस ने जबरन अंतिम संस्कार कराया.

बता दें कि जहरीली शराब पीने से होली के दूसरे दिन असनेहट में तीन लोगों की मौत हुई थी, इसमें संजय सिंह और बबलू असनेहट निवासी थे, जबकि संजय का रिश्तेदार पोरसा का रहने वाला था. कांग्रेसी जांच दल संजय सिंह के परिजनों से मिला. संजय के पिता इंदनपाल ने बताया कि बेटे की मौत की जानकारी पुलिस को दी, तो लहार एसडीओपी स्वयं आए. जब हमने छोटे बेटे के आने का इंतजार करने की बात कही, तो पुलिस कोरोना की बात करने लगी. पुलिस ने डरा धमकाकर अंतिम संस्कार करा दिया.

जैतपुरा गुढ़ा में जांच दल मृतक ऊदल सिंह परमार के घर पहुंचा. डॉ. गोविंद सिंह ने मृतकों के परिवार को सांत्वना दी. इसके बाद दल गांव के दूसरे मृतक अशोक श्रीवास के परिवार से मिला. इसके बाद जांच दल उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के ऐवासी का पुरा और अंतियन का पुरा भी पहुंचा, यहां भी मृतक परिवार का सांत्वना दी. दल द्वारा मृतक परिवारों को पूर्व सीएम कमलनाथ की ओर से आर्थिक सहयोग के तौर पर एक-एक लाख की सहायता देने की बात कही गई है. वहीं, प्रदेश सरकार से चार-चार लाख रुपए दिलाए जाने का आश्वासन दिया. इसके अलावा विधायक व पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने तीस-तीस हजार रुपए की सहायता दी है.