पटना। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं और इसी बीच कांग्रेस पार्टी के टिकट को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम इन दिनों टिकट के दावेदारों से खचाखच भरा हुआ है। सुबह से देर रात तक टिकट की आस लिए लोग यहां जुट रहे हैं। इसी भीड़ में अब दलालों का एक सक्रिय गिरोह मौके का फायदा उठाने में जुट गया है। ये दलाल खासतौर पर उन टिकटार्थियों को निशाना बना रहे हैं जिनका राजनीतिक नेटवर्क कमजोर है लेकिन पैसे की कमी नहीं है। ये खुद को दिल्ली तक पहुंच रखने वाले रसूखदार बताते हुए लाखों रुपए की डील पक्की कर रहे हैं। कोई राष्ट्रीय नेताओं से मिलवाने का वादा करता है तो कोई स्क्रीनिंग कमेटी में नाम ऊपर करवाने का। कई टिकट चाहने वाले इन झांसे में आकर लाखों गंवा चुके हैं।

फर्जी कॉल से खुला ठगी का राज

समस्तीपुर के कल्याणपुर सीट से टिकट के एक दावेदार को कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का ऑब्जर्वर बताया और कहा बधाई हो! आपका नाम स्क्रीनिंग कमेटी में तीसरे नंबर पर है, पहले नंबर पर करवाना है तो बताइए। बातचीत सौदेबाजी में बदल गई। हालांकि टिकटार्थी ने पैसे देने से पहले पार्टी स्तर पर जांच की तो सच्चाई सामने आ गई कि न तो कॉल करने वाला कोई पदाधिकारी था और न ही उसके दावे में कोई सच्चाई।

दलालों और नेताओं की मिलीभगत की आशंका

खास बात यह है कि कई मामलों में दलालों की पार्टी के अंदरूनी नेताओं से मिलीभगत की बातें भी सामने आई हैं। टिकट के नाम पर ठगी सिर्फ फोन कॉल तक सीमित नहीं है। कांग्रेस के पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वरों) के नाम पर भी लोगों से पैसे मांगे जा रहे हैं। तीन महीने पहले कांग्रेस ने बिहार चुनाव के लिए 58 पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे, जिनमें से कई पहले से विवादों में घिरे रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष की चेतावनी

इस पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी टिकट के बदले किसी प्रकार का धन लेन-देन स्वीकार नहीं करती। उन्होंने कहा कि यह पार्टी की साख खराब करने की सुनियोजित साजिश है और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजेश राम ने कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के संदिग्ध कॉल या लेन-देन की जानकारी तुरंत प्रदेश कांग्रेस को दें। साथ ही नेताओं को भी आगाह किया गया है कि वे फर्जी नंबरों और वादों से सावधान रहें।

चुनावी दौर में सावधानी जरूरी

जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है टिकट पाने की होड़ तेज हो रही है और इसी का फायदा उठाकर कुछ असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि दावेदार सतर्क रहें और किसी भी लालच या दबाव में आकर बिना पुष्टि के कोई भी आर्थिक या व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।