हेमंत शर्मा, इंदौर। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले इंदौर (Indore) लोकसभा सीट (Loksabha) से कांग्रेस प्रत्याशी (Congress Candidate) रहे अक्षय कांति बम की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। अब कांग्रेस ने अक्षय बम को ढूढ़ने के लिए 56 सदस्यीय उड़नदस्ता टीम बनाई है। नेता के दिखाई देते ही टीम पुलिस को इसकी सूचना देगी। बता दें कि पिता-पुत्र के खिलाफ कोर्ट ने 17 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 10 मई को बम पिता पुत्र को इंदौर जिला कोर्ट के समक्ष उपस्थित होना था। लेकिन वे नदारद रहे।

कांग्रेस का 56 सदस्यीय दल बम की करेगा तलाश  

अब इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह यादव ने 56 सदस्य दल बनाकर अक्षय बम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की मदद करने की बात कही है। देवेंद्र यादव के मुताबिक पुलिस के पास बल की कमी होने के चलते कांग्रेस अब पुलिस की मदद करने के लिए मैदान में उतरेगी और अक्षय बम को लेकर पुलिस को जानकारी देगी। जहां पर भी अक्षय बम कांग्रेस की 56 सदस्य दल को दिखाई देगा, तुरंत मौके से इंदौर पुलिस कमिश्नर और स्थानीय पुलिस को सूचना दी जाएगी। इसके साथ ही आने वाले दिनों में अक्षय क्रांति बम अगर नहीं मिलता है तो लापता अक्षय क्रांति बम के पोस्टर शहर में कांग्रेस द्वारा लगाए जाएंगे। 

BIG BREAKING: अक्षय बम होंगे गिरफ्तार? कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

इसके साथ साथ ही अक्षय बम के विदेश भागने के आसार को लेकर बम के पासपोर्ट को भी निरस्त करने की मांग कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह यादव करते हुए नजर आ रहे हैं। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से लगातार अक्षय क्रांति बम की तलाश करने की बात पुलिस कहती हुई नजर आ रही है। लेकिन अक्षय बम को ही पुलिस की तरफ से सुरक्षा प्रदान की गई थी जो अब तक पुलिस ने नहीं हटाई है। 

कोर्ट ने जारी किया है बम पिता पुत्र का गिरफ्तारी वारंट

बता दें कि इंदौर  जिला कोर्ट ने अक्षय बम और उनके पिता के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 17 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ धारा 307 बढ़ाई गई थी, जिसके बाद उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे नदारद रहे। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की 30 नंबर कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। 

यह है 17 साल पुराना मामला 

दरअसल अक्षय कांति बम पर जमीनी विवाद में 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के ऊपर हमला करने, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब FIR में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी।

जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। उन्हें इस मामले में 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H