हेमंत शर्मा, इंदौर। कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले इंदौर (Indore) लोकसभा सीट (Loksabha) से कांग्रेस प्रत्याशी (Congress Candidate) रहे अक्षय कांति बम (Akshay kanti Bam) और उनके पिता की मुश्किलें बढ़ गई है। इंदौर जिला कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। 17 साल पुराने मामले में उनके खिलाफ धारा 307 बढ़ाई गई थी, जिसके बाद उन्हें आज कोर्ट में पेश होना था लेकिन वे नदारद रहे। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा की 30 नंबर कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी और गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अब 8 जुलाई से पहले पुलिस दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी।

लोक अभियोजन अधिकारी अभिजीत राठौर के मुताबिक 2007 में यूनुस पटेल ने जमीनी विवाद को लेकर एक एफआईआर दर्ज करवाई थी, जिसमें 17 साल बाद धारा 307 बढ़ाई गई और आज धारा 307 पर सुनवाई होना थी। अक्षय बम और कांति लाल बम की तरफ से पिछले दिनों अग्रिम जमानत याचिका प्रस्तुत की गई थी जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।

अक्षय बम और कांति लाल बम की तरफ से उपस्थित होने से क्षमा मांगते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया। कांति लाल बम की तरफ से एक डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेट पेश किया जिसमें उन्हें सीने में तकलीफ बताई है। अक्षय बम पारिवारिक काम से इंदौर से बाहर हैं इसलिए कोर्ट के सामने पेश नहीं हो सकते। लेकिन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा ने दोनों ही आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।

क्या है 17 साल पुराना केस

दरअसल अक्षय कांति बम पर जमीनी विवाद में 4 अक्टूबर 2007 को यूनुस खान के ऊपर हमला करने, मारपीट और धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी, लेकिन खजराना पुलिस ने तब FIR में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी।

जिस दिन अक्षय कांति ने इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा, उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में अक्षय बम पर आईपीसी की धारा 307 लगाई गई। उन्हें आज 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया था लेकिन वे नहीं पहुंचे थे।

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