रायपुर. देशभर में पकौड़ा पॉलिटिक्स शुरू हो चुका है. चाय पर चर्चा के बाद अब पकौड़े की पॉलिटिक्स चरम पर है. यह तो पकौड़े को भी कभी मालूम नहीं रहा होगा कि एक दिन वह भी राजनीतिक कड़ाही में जमकर तला जायेगा. इस मामले को लेकर पक्ष-विपक्ष लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. भाजपा ने आज अपने ऑफिसियल फेसबुक पर एक पोस्टर जारी किया है. इस पोस्टर को कांग्रेस पर पलटवार के रूप में देखा जा रहा है. भाजपा ने इस पोस्टर के माध्यम से तंज कसते हुए कहा है कि ‘कांग्रेस का काम- जनता को चाय-पकौड़े में उलझाओ, सत्ता आये तो मोटा माल छानते जाओ.’ भाजपा ने पोस्टर जारी किया है उसमें पीएम मोदी के आज के भाषण का सारांश ग्राफ मॉडल बनाया गया है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैंकों की गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) को कांग्रेस की देन बताते हुए आज कहा था कि पिछली सरकार के सत्ता से जाते समय यह 36 प्रतिशत नहीं बल्कि 82 प्रतिशत था जबकि उनके कार्यकाल में एक भी कर्ज एनपीए नहीं बना है. मोदी ने कहा कि आपने कहा कि 36 प्रतिशत एनपीए था लेकिन उन्होंने सरकार में आने के बाद दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि एनपीए दरअसल 82 प्रतिशत था. मार्च 2008 में कुल ऋण 18 लाख करोड़ रुपए था जो वर्ष 2014 में 52 लाख करोड़ रुपए हो गया था. इस बीच बैंकों को लगातार पुनर्गठित करके चहेतों को ऋण दिए जाते रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चार साल से झूठे आरोप झेल रहे हैं लेकिन देश की भलाई के लिए चुप रहे. अगर उन्हें राजनीति करनी होती तो पहले ही दिन सारे तथ्य सामने रख देते लेकिन उससे दुर्दशाग्रस्त बैंक और तबाह हो जाते. उन्होंने विपक्षी दल की ओर इशारा करते हुए कहा, आपके पापों का सबूत होते हुए भी मैं देश की भलाई के लिए चुप रहा.
साथ ही आज मोदी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में हुई चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि वह सदन के माध्यम से देश को बताना चाहते हैं कि एनपीए का मामला पुरानी सरकार के कारण पैदा हुआ है और इसके लिए शत प्रतिशत वही जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि बैंकिंग व्यवस्था ऐसी थी कि फोन आते थे और सरकार, बिचौलिए और बैंक चहेतों को ऋण दे देते थे तथा ऋण लेने वाला बैंकों को पैसा वापस नहीं देता था. देश को लूटा जा रहा था. उन्होंने कहा, मैं इस पवित्र सदन में कहता हूं कि हमारी सरकार ने एक भी ऋण ऐसा नहीं दिया जिसमें एनपीए की नौबत आई हो. आपने सही बात छिपाई और गलत आंकड़े देकर देश को गुमराह किया.