रायपुर। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान का मामला आज सदन में जोर शोर से उठा. कांग्रेस ने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए चर्चा की मांग की. आसंदी ने यह कहते हुए स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया कि इस पर राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय का वक्तव्य आ गया है. साथ ही कृषि विभाग के बजट अनुदान मांग के दौरान इस विषय पर सदस्यों को अपनी बातें रखने के भरपूर मौके मिलेंगे. आसंदी ने स्थगन खारिज होने के बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया. सत्तापक्ष के विधायकों ने भी सदन में विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर पलटवार किया. भारी हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा. विपक्ष के सदस्य गर्भगृह पहुँचकर नारेबाजी करने लगे. गर्भगृह पहुँचकर नारेबाजी करने की वजह से विपक्ष के 21 सदस्य स्वमेव निलंबित हो गए.

प्रश्नकाल खत्म होते ही कांग्रेस ने कहा कि सरकार दलहन फसलों को बढ़ावा देने की बात करती है. दलहन फसलों के जरिए ही सरकार का रकबा बढ़ा है, फिर भी किसानों को राहत नहीं दी जा रही. कांग्रेस ने किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की और कहा कि फसल की क्षति के आकलन में देरी की जा रही है.

वहीं बीजेपी विधायक नवीन मार्कण्डेय ने भी ओलावृष्टि का मामला उठाकर किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की. आसंदी ने व्यवस्था दी कि इस मामले में राजस्व मंत्री ने वक्तव्य दिया है. इस विषय में कृषि विभाग के बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान अपनी बातें रखने का मौका मिलेगा. आसंदी ने विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य किया.

वहीं कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार भाग रही है. उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने दो लाइन का वक्तव्य दिया था, इससे कैसे संतुष्ट हो जाएं.

टी एस सिंहदेव ने साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने कहा कि शासन का जवाब आया और उसे ये नहीं पता कि कितने जिले प्रभावित हैं. इस स्थगन को लाने का यही बड़ा कारण है कि सरकार को यही नहीं मालूम कि कितने जिले ओलावृष्टि से प्रभावित हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सोई हुई है, अनभिज्ञ है और सरकार गंभीर नहीं है. टी एस सिंहदेव ने कहा कि सरकार ऐसे में कैसे किसानों को राहत देगी.

वहीं सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि ये तात्कालिक महत्व का विषय है. बजट सत्र चल रहा है और इस पर चर्चा हो सकती है.

सत्तापक्ष के विधायकों ने विपक्ष की आपत्ति पर नाराज़गी जताई. सत्तापक्ष के विधायकों ने नारेबाजी की. विपक्षी सदस्यों पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया.

भूपेश बघेल का आरोप

भूपेश बघेल ने कहा कि किसानों को प्रति एकड़ 30-40 हजार रु का नुकसान हुआ है, लेकिन आरबीसी 6(4) के तहत मुआवजा देने की बात सरकार ने कही है. उन्होंने कहा कि इसमें किसानों को बेहद कम मुआवजा मिलेगा. राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने अपने वक्तव्य में केवल दो जिलों में ओलावृष्टि का जिक्र किया, लेकिन प्रदेश के कई जिले प्रभावित हैं.

भूपेश बघेल ने कहा कि ओलावृष्टि के बाद एक भी मंत्री, एक भी अधिकारी ने किसानों को हुए नुकसान का जायजा नहीं लिया. संसदीय कार्यमंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि सरकार ने कल ही कैबिनेट में क्षतिपूर्ति आकलन के निर्देश दिए हैं. किसानों को जो नुकसान हुआ है, उसे लेकर सरकार संवेदनशील है.

विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित हो गई थी. कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी विपक्ष का हंगामा जारी है. भूपेश बघेल ने फिर से मामला उठाया. उन्होंने चर्चा कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि 6-4 के तहत मुआवजा ऊंट के मुंह में जीरा है. अतिरिक्त क्षति पूर्ति देने की जरूरत है. मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कल ही मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टर को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह में आकलन करके भुगतान सुनिश्चित करें, उसके बाद मामला खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि आप घड़ियाली आंसू बहाना बंद करो.

इसके विरोध में विपक्ष नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में उतरा. गर्भगृह में विपक्ष ने नारेबाज़ी की, फिर सत्तापक्ष ने भी जवाब में नारेबाज़ी की. विपक्ष के 21 सदस्यों को थोड़ी देर के लिए निलंबित भी किया गया. बाद में आसंदी ने निलंबन रद्द कर दिया. हालांकि निलंबन के दौरान कांग्रेस ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया. फिलहाल कांग्रेसी सदन के अंदर हैं और कार्यवाही चल रही है.