रायपुर। भाजपा के सत्याग्रह पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया व्यक्त की. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल किसानों को खालिस्तानी समर्थक टुकड़े-टुकड़े गैंग पाकिस्तान से फंडिंग लेने वाला और देशद्रोही बताने वाले भाजपा के नेता अब किसानों के नाम से सत्याग्रह की राजनीतिक नौटंकी कर रहे हैं. पूर्व के रमन भाजपा की शासनकाल में छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ धोखा, छल, कपट, वादाखिलाफी हुआ. किसानों के जल, जंगल, जमीन पर कब्जा करने के लिए अनैतिक तरीके अपनाए गए थे. रमन सरकार ने किसानों से किए गए वादे को पूरा नहीं किया. किसानों को धान की कीमत 2100 रू. प्रति क्विंटल 300 रू. बोनस, 5 हॉर्स पावर तक का पम्प बिजली कनेक्शन मुफ्त में देने का वादा कर सरकार बनाने के बाद किसानों से वादाखिलाफी किया था.
उन्होंने कहा कि रमन भाजपा के कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार और किसान विरोधी नीतियों के चलते उस दौरान प्रतिदिन 4 किसान की आत्महत्या करने की दुखद घटना होती थी. किसानों को उनकी उपज का सही कीमत नहीं मिलता था. खेती के लिए पानी मांगने वाले किसानों के ऊपर रमन सिंह की सरकार लाठियां बरसाती रही है. कांग्रेस शासनकाल में किसानों के लिए बनाए गए जलाशय के पानी को उद्योगपतियों को बेचने काम रमन भाजपा के सरकार में हुआ था. बीते 7 साल में नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों से किए वादों को पूरा नहीं किया. किसानों को स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य और 50 प्रतिशत प्रॉफिट देने का वादा किया गया था जो अब तक पूरा नहीं हुआ है और बल्कि रसायनिक खादों और डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि कर किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ाया गया है. 3 नए कृषि कानून लाकर किसानों, मजदूरों और आम जनता को चंद पूंजीपतियों के गुलाम बनाने की साजिश रखी गई है जिसके खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत है.
धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के नेता किस मुंह से किसानों की बात करते है, जब मोदी रमन दोनों की सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी किया है. असल मायने में भाजपा के नेता किसानों के लिए सत्याग्रह नहीं कर रहे हैं बल्कि अडानी, अंबानी जैसे पूंजीपतियों के समर्थन में सत्याग्रह कर रहे हैं. देश में बैठी सरकार अडानी, अंबानी जैसे चंद पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है, जिसके खिलाफ देशभर में आवाज उठ रही है. ऐसे में किसान आंदोलन से जनता का ध्यान हटाने के लिए भाजपा सत्याग्रह की राजनीतिक नौटंकी कर रही है. भाजपा के सत्याग्रह में किसान नजर नहीं आए बल्कि 15 साल में कमीशनखोरी, भ्रष्टाचार की काली कमाई से खरीदी गई चमचमाती कारो में सूट-बूट पहनकर भाजपा नेता ही पहुंचे. लेकिन किसान नजर नहीं आए। इससे स्पष्ट हो गया है इसके पहले भी भाजपा के द्वारा चलाए गए खेत सत्याग्रह और भात पर बात कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ के किसानों ने ठेंगा दिखा दिया. पूरी तरीके से भाजपा का सत्याग्रह आज भी विफल रहा है.