इसमें कोई दो राय नहीं है कि आज के आधुनिक युग में मोबाइल और सोशल मीडिया की वजह से बच्चे प्रकृति से एक-एक दिन दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में बच्चों को प्रकृति के करीब कैसे ला सकते हैं, ताकि वे भी इसकी अहमियत को समझें. बच्चों में बचपन से जो आदत डाली जाती है, बच्चे बड़े होकर वही करते हैं और बच्चों को बचपन से ही प्रकृति का सम्मान करना सिखाना पेरेंट्स की ही जिम्मेदारी है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि ऐसा क्या करें कि हम अपने बच्चों में प्रकृति से प्रेम करने के बीज बो सकें.

बच्चों को पार्क या वॉक पर लेके जाएं

सुबह या शाम किसी भी समय बच्चे को किसी पार्क में लेकर वॉक पर जरूर जाएं. जहां वो तरह-तरह के पेड़ पौधे, आसमान, चिड़िया, सूरज आदि देखें और उत्सुकता में सवाल करें. सूरज उगता या ढलता देखें, चिड़ियों को चहचहाते सुनें, अन्य बच्चों को मिट्टी और घास में खेलते देखें. पार्क में न भी जा सकें तो बच्चे को छत पर या बालकनी में लेकर बैठें और प्रकृति का अनुभव कराएं. ऐसा करने से वे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से स्वस्थ होंगे. Read More – एक्ट्रेस जैस्मिन भसीन की तबियत हुई खराब, पेट में इंफेक्शन के कारण अस्पताल में हुई भर्ती …

बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें 

जब बच्चों का ज्यादा समय भी स्क्रीन पर ही गुजरता है, तो उनका दिमाग विस्तार से सोचने की क्षमता खो देता है, प्रक्रिया कम करने लगता है, उनका फोकस कम होता है और वे अन्य किसी काम में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. उन्हें सोशल मीडिया का नशा हो जाता है जिससे वे प्रकृति से पूरी तरह से कट जाते हैं. इसलिए जितना संभव हो उन्हें सोशल मीडिया और इंटरनेट से दूर रखने का प्रयास करें.

बच्चों से पौधे लगवाएं 

बच्चों को पौधों की नर्सरी लेकर जाएं और उनसे उनकी पसंद के पौधे खरीदने को बोलें. इससे वे इस काम में दिलचस्पी लेंगे और इसे घर में गमले में या बगीचे में लगा कर रोज पानी देने का काम करेंगे. इसे बढ़ता हुआ देख कर उन्हें जो स्वाभाविक खुशी मिलेगी उससे वे लगातार और भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित रहेंगे. Read more – Shehnaaz Gill की बिगड़ी हालत, अचानक अस्पताल में हुई भर्ती …

ज़ू या पिकनिक पर ले जाएं

बच्चे को किसी ज़ू में लेकर जाने से बच्चे तरह-तरह के जानवर और पेड़ पौधों को करीब से देखते हैं और उत्सुकता में तरह-तरह के सवाल करते हैं. पिकनिक जाने पर वे घर के बाहर एक रोचक अनुभव का एहसास करते हैं, जहां वे खुल कर खाते पीते खेलते हैं. प्रतिदिन के रूटीन से हट कर ये सब करने से बच्चों का बौद्धिक विकास होता है और वे प्रकृति से जुड़ने के अन्य फायदों से भी रूबरू होते हैं.

रात में सोते समय करें बातें और सुनें उनकी भावनाएं

सोते समय बच्चों को प्रकृति से जुड़े रोचक तथ्य बताएं और उनसे उनकी भावनाएं पूछें. उन्हें सूरज, चांद, सितारे, पेड़-पौधे, जानवर, पहाड़, बर्फ, नदी, समुद्र आदि की जानकारी दें और इनके बारे में उनकी कल्पनाओं को भी सुनें. ऐसा करके सोते वक्त उन्हें इसी तरह के सपने भी दिखेंगे और उनके दिमाग में प्रकृति के प्रति जिज्ञासा भी बनी रहेगी.