रायपुर।  विपरीत परिस्थितियों में भी कांग्रेस सरकार अपने वादों को पूरा करने में लगी है, इसमें मिल रही भूपेश बघेल सरकार से भाजपा को तकलीफ हो रही है. यह बात प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा के कांग्रेस सरकार पर लगाये गये आरोपों के जवाब में दी.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भाजपा सरकार द्वारा 2014-15, 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में लिये कर्जों का ब्यौरा जारी करते हुये कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा रमन सरकार ने 2014-15 से जनवरी 2018 तक रिजर्व बैंक से 18350 करोड़ का कर्ज लिया था. 2014 में 4 किस्तों में 2200, 2015 में 6 किस्तों में 5000, 2016 में 3 किस्तों में 1850 करोड़, 2017 में 5 किस्तों में 7200 करोड़ लिए थे. 2018 में करीब 2200 करोड़ से अधिक का कर्ज लिया गया है.

वहीं भाजपा की रमन सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 2100 रुपए, 5 साल तक 300 रुपए बोनस, 5 हार्सपावर पंपों की मुफ्त बिजली, हर आदिवासी परिवार से एक युवा को नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, हर आदिवासी परिवार को 10 लीटर दूध देने वाली जर्सी गाय जैसे वादों को नहीं निभाया, भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के मतदाताओं के साथ 15 साल तक जो धोखाधड़ी की. इसी के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 15 सीटों पर सीमित कर दिया.

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार ने 19 लाख किसानों का 11 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया.  किसानाों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदा. 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया. 260 करोड़ रुपए का सिंचाई कर माफ किया गया. तेंदूपत्ता संग्रहण की राशि 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपए की. 5 डिसमिल तक जमीनों की बन्द रजिस्ट्री शुरू की. जमीनों की दर में 30 फीसदी की कटौती की. डायवर्सन के नियम शिथिल की. इसके अलावा अन्य वायदे भी पूरे किए.

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने राजीव किसान न्याय योजना के तहत किसानों को धान बोनस की दूसरी किस्त देने के लिए सरकार 1300 करोड़ लेने जा रही है. यह इस वित्तीय वर्ष का यह पहला कर्ज है. छत्तीसगढ़ सरकार तो 12 हजार करोड़ तक कर्ज ले सकती है. सीएम भूपेश बघेल ने 20 अगस्त को न्याय योजना की दूसरी किस्त देने का ऐलान किया था. कोर बैंकिंग साल्यूशन (ई-कुबेर) के जरिए रिजर्व बैंक से मंगलवार को 1300 करोड़ की राशि मिल जाएगी. इसमें 200 करोड़ मिलाकर 1500 करोड़ रुपए दूसरी किस्त का भुगतान किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि जिस दिन सरकार किसानों के बैंक खाते में राशि का भुगतान करेगी, उसके दूसरे दिन तीजा पर्व है। इसके बाद गणेश चतुर्थी है। किसानों को त्योहारों से पहले राशि की आवश्यकता होती है. वहीं उन्होंने स्पष्ट किया कि इस साल कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट प्रभावित हुए रिजर्व बैंक ने छत्तीसगढ़ सरकार को 12 हजार करोड़ की क्रेडिट लिमिट दी है. दूसरी ओर जीएसटी क्षतिपूर्ति और अन्य केंद्रीय योजनाओं को मिलाकर केंद्र से राज्य को दस हजार करोड़ मिले हैं. खासकर मनरेगा में जो राशि मिली है, उसमें काम देने के मामले में छत्तीसगढ़ अव्वल है.