चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस का विवाद सुलझाने के लिए पार्टी हाईकमान ने आज शनिवार को चंडीगढ़ में शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है. इससे पहले सियासी हलचल तेज हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने समर्थक सभी विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कह दिया है, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों की एक बैठक दोपहर अपने आवास पर बुलाई है.

कैप्टन सीएम पद से दे सकते हैं इस्तीफा

 

माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में विरोधी खेमे ने कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग जोर-शोर से उठाने की रणनीति बना ली है. कहा जा रहा है कि विरोधी खेमा विधायक दल की बैठक के दौरान ही फ्लोर टेस्ट की मांग करेगा, ताकि कैप्टन अमरिंदर सिंह पर दबाव बनाया जा सके. वहीं ये भी अटकल तेज हो गई है कि कैप्टन विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

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कैप्टन विरोधी खेमे में 40 विधायक

 

हालांकि वर्तमान की बात करें, तो इस समय पंजाब कांग्रेस के कुल 80 विधायकों में से कैप्टन विरोधी खेमे में 40 विधायक हैं, जबकि इतने ही विधायक कैप्टन के साथ हैं. अगर कैप्टन अपने समर्थक विधायकों के साथ इस्तीफा देकर अलग हो गए, तो पंजाब में कांग्रेस की सरकार गिर जाएगी और केंद्र सरकार के लिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बचेगा.

अल्पमत में आ सकती है पंजाब सरकार

 

इसकी ये वजह है कि विधायकों के दो गुट बन जाने के कारण किसी के भी पास इतने विधायक नहीं बचेंगे कि वो अपने दम पर या किसी अन्य दल के समर्थन से सरकार बना सके. ऐसे में एकमात्र विकल्प प्रेसिडेंट रूल का ही होगा.

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इधर अगर कांग्रेस हाईकमान कैप्टन पर भरोसा जताता है, तो नाराज खेमे के विधायक इस्तीफा दे सकते हैं, तब भी पंजाब में कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ जाएगी.