दुर्ग। बिल्डर लैंडमार्क एसोसिएट्स ने ग्राहक से अग्रिम राशि लेने के बाद अनुबंध किया और अनुबंध से दो साल के भीतर फ्लैट पूरा करके सौंपने का वादा किया लेकिन 2 साल बीतने पर भी ना तो फ्लैट का निर्माण पूरा किया और ना ही अग्रिम राशि वापस लौटाई. इस कृत्य को व्यवसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता का परिचायक मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने लैंडमार्क एसोसिएट्स के पार्टनर सुभाष कुशवाहा पर 16 लाख 24 हजार रुपये हर्जाना लगाया।

पोटिया रोड दुर्ग में बिल्डर लैंडमार्क एसोसिएट्स द्वारा निर्माणाधीन आनंद विहार ग्रीन टावर प्रोजेक्ट में फ्लैट के लिए सेक्टर 5 भिलाई निवासी ग्राहक सत्येंद्र खानवलकर ने 13 लाख 99 हजार रुपये में फ्लैट का सौदा किया और एग्रीमेंट निष्पादित किया, जिसके अनुसार 18 अक्टूबर 2016 तक फ्लैट को पूरी तरह से तैयार करके परिवादी को दिखाने के बाद रजिस्ट्री करवाकर कब्जा दिया जाना था। बिल्डर ने परिवादी से 1275225 रुपये भी अग्रिम प्राप्त कर लिये। निर्माण के दौरान परिवादी द्वारा फ्लैट को देखे जाने पर उसमें अनेक कमियां दिखाई देती थी और निर्माण कार्य में भी विलंब किया जा रहा था। परिवादी ने उक्त फ्लैट के लिए भारतीय स्टेट बैंक से लोन भी लिया था जिसके लिए वह नियमित ब्याज भी अदा कर रहा था। नियत दिनांक 18 अक्टूबर 2016 तक फ्लैट पूरा नहीं होने पर परिवादी ने अपनी रकम वापस मांगी तो अनावेदक बिल्डर ने रकम लौटाने का वचन दिया परंतु रकम वापस नहीं की।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने प्रकरण में पेश दस्तावेजों और प्रमाणों के आधार पर यह निर्धारित किया कि बिल्डर ने परिवादी से फ्लैट के एवज में राशि तो प्राप्त कर ली परंतु वादे के मुताबिक सही गुणवत्ता के साथ निर्माण पूर्ण करके आधिपत्य सपने में असफल रहा और इसी के चलते जब ग्राहक ने अपनी जमा रकम वापस मांगी तो उसे उसकी रकम वापस करने में भी कोई रुचि नहीं ली। बिल्डर मकान निर्माण के एवज में रकम लेने के बाद अपनी जिम्मेदारियों से विमुख हो गया, यह आचरण स्पष्ट रूप से व्यावसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता की श्रेणी में आता है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने लैंडमार्क एसोसिएट्स के पार्टनर सुभाष कुशवाहा पर 16 लाख 24 हजार 3 सौ 75 रुपये हर्जाना लगाया जिसमें जमा राशि 1275225 रुपये, इस राशि पर परिवाद प्रस्तुती तक का ब्याज 308150 रुपये, मानसिक परेशानी की क्षतिपूर्ति स्वरुप 40000 रुपये तथा वाद व्यय के रुप मे 1000 रुपये अदा करने का आदेश दिया। साथ ही जमा राशि पर परिवाद प्रस्तुती दिनांक 27 जून 2019 से अंतिम भुगतान तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज पृथक से देना होगा।