दुर्ग। वारंटी अवधि में दुपहिया वाहन में आई खराबी को ठीक नहीं करने को उपभोक्ता फोरम ने व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नतापूर्ण करार देते हुए डीलर और निर्माता कंपनी पर 12000 रुपये हर्जाना लगाया है.
परिवादी की शिकायत
उरला दुर्ग निवासी कुमारी खुशबू ठाकरे ने वाहन डीलर कानकी सुजुकी मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड से सुजुकी कंपनी का दुपहिया वाहन दिनांक 1 नवंबर 2015 को 65500 रुपये में खरीदा था और डीलर के बताए अनुसार उसने नियमों का पालन किया। कुछ दिनों में वाहन में खराबी आना शुरू हो गई जिसकी जानकारी सर्विसिंग के दौरान डीलर को दी गई परंतु डीलर द्वारा कोई संतोषप्रद कार्यवाही नहीं की गई। तीसरी सर्विसिंग के समय भी वाहन में कम एवरेज, कम पिकअप तथा वाहन के चलते चलते बंद हो जाने की शिकायत परिवादी ने की परंतु उस त्रुटि को दूर नहीं किया गया।
अनावेदकगण का बचाव
वाहन डीलर और निर्माता कंपनी ने प्रकरण में उपस्थित होकर यह बचाव लिया कि उनके द्वारा परिवादी के वाहन का आरपीएम सेट करके दिया गया था तथा आइल चेंज व ब्रेक सेट करके ग्राहक के बताए गए समस्त कार्य करके वाहन की खराबी दूर कर प्रदान किया गया था। वाहन के कैटलॉग में उल्लेख है कि वाहन में हवा का दबाव एवं सही सड़क पर वाहन चलाने एवं सही नाप से पेट्रोल भरवाने से ही वाहन का एवरेज सही प्राप्त होगा।
फोरम का फैसला
प्रकरण में दोनों पक्षों की ओर से पेश दस्तावेजों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने यह प्रमाणित पाया कि वाहन डीलर ने सर्विसिंग के दौरान परिवादी को जो सर्विस जॉब कार्ड जारी किया था जिसमें परिवादी द्वारा वाहन के पिकअप संबंधी शिकायत डीलर के सामने किया जाना दर्शित है। वाहन डीलर ने परिवादिनी की शिकायत पर वाहन का आरपीएम सेट किया था जो कि वाहन के पिकअप के संबंध में ही किया गया कार्य था, इससे यह साबित होता है कि परिवादी के वाहन में वास्तव में पिकअप संबंधी समस्या थी और पिकअप की समस्या से वाहन का माइलेज प्रभावित होना भी अवश्यंभावी है। अनावेदकगण ने वाहन के संबंध में लापरवाही और उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया है जबकि उनका यह कर्तव्य था कि यदि वाहन में कुछ दिनों में ही त्रुटि और खामी सामने आई थी तो ग्राहक की समस्या का निदान करते हुए उसे संतुष्ट किया जाना था परंतु उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया।अनावेदकगण का यह कृत्य व्यवसायिक दुराचरण और सेवा में निम्नता की श्रेणी में आता है। परिवादिनी नए वाहन के निर्बाध सुख लेने की आशा करती थी जिससे उसे वंचित होना पड़ा और नए वाहन में दोष उत्पन्न होने के कारण वाहन खरीदने के प्रयोजन की भी पूर्ति नहीं हो पाई, जिससे उसे मानसिक वेदना होना स्वाभाविक है।
जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने विक्रेता कानकी सुजुकी मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड और निर्माता कंपनी सुजुकी मोटरसाइकिल प्राइवेट लिमिटेड को व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का जिम्मेदार ठहराते हुए 12000 रुपये हर्जाना लगाया, जिसके तहत विक्रेता और निर्माता, मिलकर परिवादिनी को मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 10000 रुपये तथा वाद व्यय हेतु 2000 रुपये अदा करेंगे तथा आदेश दिनांक से एक माह के भीतर परिवादिनी से वाहन प्राप्त करेंगे तत्पश्चात 15 दिनों में वाहन की समस्या का निदान कर परिवादिनी को वाहन सुपुर्द करेंगे, जिसके बाद परिवादिनी एक सप्ताह तक वाहन का परिचालन करके अनावेदकगण को संतुष्टि प्रमाण पत्र प्रदान करेगी।