अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा/कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील में बेलकुंड और मोरी नदियों का उफान ग्रामीणों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। गर्रा घाट स्थित बेलकुंड नदी के उफान से जबलपुर, कटनी, उमरिया और शहडोल चार जिलों का आवागमन बाधित हो गया है। हाल ही में क्षेत्र में आई बाढ़ आपदा से दर्जन भर गांव प्रभावित हुए थे, जहां सैकड़ों घर और मकान गिर गए और गृहस्थी का सामान बाढ़ की चपेट में आ गया।
लगातार हो रही बारिश के कारण ग्रामीणों में डर का माहौल है कि फिर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। बाढ़ से बिगड़े हालात के बाद जलभराव और गंदगी के कारण क्षेत्र में उल्टी और दस्त का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे दर्जन भर से अधिक मौतें हो चुकी हैं। शिविर के माध्यम से सैकड़ों लोगों को उपचार उपलब्ध कराया गया है।
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ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और चिकित्सा स्टाफ की कमी है। क्षेत्र में आपदा की स्थिति के बावजूद, स्वास्थ्य विभाग कम स्टाफ के साथ सेवाएं दे रहा है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों और स्टाफ की व्यवस्था बढ़ाने की मांग की है। मुख्यमंत्री से मामले को संज्ञान में लेकर तत्काल समाधान की अपील की गई है।
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