लुधियाना। पंजाब में नए परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के साथ हुई बैठक के बाद कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने आज का अपना प्रदर्शन वापस ले लिया है, इसलिए अब बस स्टैंड बंद नहीं होंगे. सरकारी बसें चलती रहेंगी. कॉन्ट्रैक्ट वर्कर खुद को नियमित करने की मांग कर रहे थे. इसे लेकर वे आज 4 घंटे के लिए बस स्टैंड बंद करने वाले थे, लेकिन ऐन मौके पर ये हड़ताल वापस ले ली गई.

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PRTC, पनबस और पंजाब रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन के जिला प्रधान शमशेर सिंह ने बताया है कि उनकी परिवहन मंत्री राजा वड़िंग के साथ बैठक हो गई है और उनकी ओर से कुछ समय मांगा गया है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट बसकर्मियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा. इसके लिए थोड़ा समय चाहिए, सभी समस्याओं को वे हल कर देंगे.

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बता दें कि पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी के कर्मचारियों ने बुधवार को 4 घंटे बस स्टैंड बंद रखने का एलान किया था. सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक बस स्टैंड के अंदर-बाहर बसों की आवाजाही नहीं होनी थी. सरकारी बसें नहीं चलनी थीं और प्राइवेट बसें बस स्टैंड के बाहर से ही चलाने को कहा गया था, लेकिन समय रहते मंत्री से बात हो गई.

पहले भी हड़ताल पर चले गए थे कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी

 

पंजाब सरकार के अधीन चलने वाली पनबस, पंजाब ट्रांसपोर्ट और पंजाब रोडवेज के अनियमित कर्मचारी पक्की नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसके लिए वह पिछले दिनों करीब 10 दिन तक हड़ताल पर रहे, तब नए बने परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने आश्वासन दिया था कि उनकी मांगें मानी जाएंगी और इसके बाद कर्मचारी वापस काम पर लौट आए थे और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मीटिंग के लिए समय मांग रहे थे, लेकिन समय नहीं मिल पाने के कारण बुधवार को कर्मियों ने फिर से हड़ताल का एलान कर दिया था.

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मांग पूरी होने से पहले बदले कैप्टन अमरिंदर सिंह

 

कॉन्ट्रैक्ट बसकर्मियों ने पहले भी 10 दिन की हड़ताल की थी, तब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री थे. उस वक्त सहमति बनी कि हड़ताली कर्मचारियों का वेतन 30% बढ़ा दिया जाएगा. इसके अलावा हर साल उनके वेतन में 5% की बढ़ोतरी होगी. इसका नोटिफिकेशन भी नहीं हुआ और अमरिंदर सिंह सीएम की कुर्सी से हट गए. अमरिंदर सरकार ने उन्हें एक हफ्ते के भीतर पक्का करने का भी भरोसा दिया था. उसके बाद पंजाब कांग्रेस की कलह में उनकी मांगें भी ठप हो गईं.

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8 हजार कर्मचारी चला रहे 2 हजार बसें

 

पंजाब में रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी की बसें कॉन्ट्रैक्ट पर रखे कर्मचारियों के भरोसे हैं. पंजाब में कॉन्ट्रैक्ट पर इस वक्त 8 हजार कर्मचारी हैं, जो करीब 2 हजार बसें चला रहे हैं. वे सरकार से पक्की नौकरी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा बसों का नया फ्लीट लाने के साथ छिटपुट मामलों में बर्खास्त किए कर्मचारियों को नौकरी पर वापस रखने की मांग कर रहे हैं. पिछली सरकार के वक्त उन्हें कैप्टन के घर सिसवां फार्म हाउस का भी घेराव करना पड़ा. जिसके बाद सरकार उनकी मांगों पर राजी हुई थी.