फिल्म ‘काली’ के पोस्टर को लेकर अब विवाद बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश में निर्माता-निर्देशक के खिलाफ एफआईआरदर्ज हो गई है. वहीं अब खबर आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने भी निर्माताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर ली है.

बता दें कि डॉक्यूमेंट्री काली के पोस्टर में काली मां बनी अभिनेत्री के एक हाथ में सिगरेट है तो दूसरे हाथ में एलजीबीटीक्यू का झंडा दिखाया गया है. देवी का यह रूप देखकर हर कोई हैरान रह गया है. धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में अधिवक्ता की तहरीर पर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है. इस मामले में इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा ने कहा कि सिविल कोर्ट के वकील वेद प्रकाश शुक्ला की तरफ से एफआईआर कराई गई है. अधिवक्ता के अनुसार 4 जुलाई को उन्हें सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्टर के बारे में पता चला. जिसमें मां काली के चित्र को गलत तरीके से दर्शाया गया है. वेद के मुताबिक पोस्टर काली नाम से बनी फिल्म का है. जिसकी निर्माता लीनामणी मेकलाई हैं. आशा एसोसिएटस ने फिल्म प्रोड्यूस की है और संपादन श्रवण ओनाचन ने किया है.

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फिल्म निर्माता मणिमेकलाई ने एक ट्विटर पोस्ट में लिखा, “मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है. जब तक मैं जीवित हूं, मैं एक ऐसी आवाज बनकर रहना चाहती हूं जो निडर होकर बोलती रहे. अगर इसकी कीमत मेरी जिंदगी है, तो इसे दिया जा सकता है.” जब इस पर विवाद बढ़ने लगा तक लीना ने तमिल में पोस्ट शेयर कर लिखा, “इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक शाम काली प्रकट होती हैं और टोरंटो की सड़कों पर घूमने लगती हैं. यदि आप इस फिल्म को देखेंगे तो आप मेरी गिरफ्तारी की मांग करने की बजाए मुझसे प्यार करने लगोगे.”

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