रायपुर। पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति स्वास्थ्य विज्ञान एवं आयुष विवि के दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन रविवार को साइंस कॉलेज के ऑडिटोरियम में हुआ. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा शामिल हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलाधिपति राज्यपाल बलरामदास टंडन ने की.  विशिष्ट अतिथि के रुप में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित कई मंत्री इस दीक्षांत समारोह में शामिल हुए.

अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने आयुष विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में छत्तीसगढ़ को लेकर केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि रायपुर से लेकर बस्तर तक में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने को लेकर केंद्र सरकार बेहद संवेदनशील है. चाहे छत्तीसगढ़ में सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल खोलने की बात हो या फिर एम्स के अपग्रेडेशन का मामला हो या फिर बस्तर जैसे सूदूर इलाके को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की बात हो. केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में छत्तीसगढ़ औऱ इसकी स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ मेरे लिए बेहद विशेष है. इसकी स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर बनाने के लिए जो भी सरकार से बन पड़ेगा वो किया जाएगा. नड्डा ने कहा कि हमने मेडिकल इंट्रेस में हो रहे भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए ही नीट जैसी परीक्षा का आयोजन शुरु कराया. जिसके बाद मेडिकल इंट्रेस परीक्षा पारदर्शी तरीके से संपन्न हो रही है. उन्होंने प्रोफेशनल एजूकेशन को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हर तरह की शिक्षा का महत्व होता है लेकिन प्रोफेशनल एजूकेशन शिक्षा की बेहद महत्वपूर्ण सीढ़ी होती है.

नड्डा ने भावी डाक्टरों से अपील की कि वे सिर्फ बीमारी का ही इलाज न करें बल्कि बीमार का भी इलाज करें. अपने इस वक्तव्य से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल छात्रों से मरीज के इलाज के दौरान डाक्टरों से संवेदनशील होने की भी अपील की. अपने भावनात्मक भाषण में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक व्यक्ति पूरे भरोसे के साथ अपना पूरा शरीर डाक्टर के हवाले कर देता है. उसका भरोसा किसी भी कीमत पर बरकरार रहना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने भावी डाक्टरों से विनम्र होने की भी अपील की. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक डाक्टर को बनाने में करीब 3 करोड़ रुपये का खर्चा आता है. एक मेडिकल कालेज खोलने में करीब 500 करोड़ रुपये का खर्च आता है लेकिन अगर हम लोगो की सेवा करने में सफल होते हैं तो सरकार द्वारा किए गए ये प्रयास सफल हो जाते हैं.

केंद्रीय मंत्री के भाषण के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने संबोधन में डाक्टरों से पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाने की अपील की. उन्होंने केंद्र द्वारा राज्य को दी जा रही मदद की खुलकर तारीफ की. मुख्यमंत्री ने भावी चिकित्सकों से अपील की कि वे लोगों की सेवा जरूर करें, क्योंकि ये प्रोफेशन ऐसा करने का पूरा मौका देता है. उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य बजट 3500 करोड़ से बढ़ाकर 4900 करोड़ कर दिया है जो सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता दिखाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा जैसी जगहों पर डाक्टर सेवा करने के लिए तैयार होंगे तो उन्हें बेहद खुशी होगी. उनके बाद राज्यपाल ने भी छात्रों को संबोधित किया. उन्होंने छात्रों को उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी.

दीक्षांत समारोह में 2014 से 2016 बैच के 182 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को उपाधि दी गई. इसमें 38 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया गया. समारोह में सर्वाधिक पांच स्वर्ण पदक गगनदीप सलूजा को और चार स्वर्ण पदक दीपिका पांडेय को दिया गया. दीक्षांत समारोह की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत से हुई.