नई दिल्‍ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिशन शक्ति पर राष्ट्र के नाम संदेश देना महंगा पड़ गया, अब यह मामला चुनाव आयोग के पास पहुंच गया है. कई पार्टियों ने इस पर ऐतराज जताते हुए चुनाव आयोग से पूछा है कि आखिर पीएम को इसकी घोषणा करने की इजाजत क्यों दी गई? मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि यह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है. येचुरी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने सरकार से पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण की कॉपी मांगी है.

सीताराम येचुरी

सीताराम येचुरी ने चुनाव आयोग से ये पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश के बारे में चुनाव आयोग को पता था? क्या चुनाव आयोग ने नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इजाज़त दी थी? उन्होंने पूछा कि कि पूरा देश जानना चाहता है कि आखिर चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन की इजाजत कैसे दी. वह भी तब जब लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और चुनाव आचार संहिता लागू है.

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मिशन शक्ति की सफलता का श्रेय अंतरिक्ष अनुसंधान एवं विकास में वर्षों से अनवरत परिश्रम कर रहे वैज्ञानिकों को जाता है. तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मिशन शक्ति एक राजनीतिक घोषणा है. इसकी घोषणा वैज्ञानिकों को करनी चाहिए थी. इसका श्रेय उन्हें दिया जाना चाहिए.