कोरोना संक्रमण ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों को अपनी जद में लिया. वहीं, कोरोना से लाखों लोगों की मौत हो गई. हाल ही में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोना से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है, लेकिन मोटापाग्रस्त लोगों के लिए यह जानलेवा है. यह अध्ययन नेचर जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
यह अध्ययन ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर के वैज्ञानिकों ने किया है. मोटापा और कोरोना से होने वाली मौतों के बीच संबंध समझने के लिए अपनी तरह का यह पहला अध्ययन है. शोधकर्ताओं ने अध्ययन में करीब एक करोड़ 26 लाख लोगों को शामिल किया. शोधकर्ताओं ने पाया कि दक्षिण एशिया में रह रहे ऐसे लोग जो मोटापे से ग्रसित हैं, उनके लिए कोरोना जानलेवा हो सकता है.
ऐसे किया अध्ययन
यह अध्ययन ब्रिटेन में टीकाकरण अभियान शुरू होने से पहले किया गया. अध्ययन में कई नस्ल के लोगों को शामिल किया गया. शोधकर्ताओं ने करीब 30067 गोरे लोगों, 1208 स्वेत लोगों और 1831 दक्षिण एशियाई और 845 दूसरे नस्ल के लोगों की मृत्यु का डेटा विश्लेषण किया गया.
मोटापाग्रस्त लोगों में जान का सबसे ज्यादा खतरा
कोरोना से मोटे लोगों में मौत का खतरा ज्यादा होता है. अगर नस्ल की बात करें तो दक्षिण एशियाई मोटे लोगों को कोरोना से जान का खतरा सबसे ज्यादा है. कम बीएमआई वाले दक्षिण एशियाई व्यक्ति को ज्यादा बीएमआई वाले गोरे व्यक्ति जितना ही मौत का खतरा होता है. बीएमआई एक मेट्रिक सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल वजन मापने के लिए होता है.
बहुत कम वजन वालों के लिए भी जानलेवा
कोरोना से मौत होने में दूसरा नंबर स्वेत लोगों का आता है. जिन नस्ल के लोगों को कोरोना से मौत का खतरा सबसे ज्यादा है, उनमें पोषण की कमी पाई गई है. ये लोग उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियां गंवा देते हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों का वजन सामान्य से बहुत कम होता है, कोरोना उनके लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है.
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