रायपुर। संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर और कोविड-19 के नए वैरिएंट्स को देखते हुए आज होने वाले मंत्रिमण्डल के बैठक के पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द लॉकडाउन लगाने जैसे कठोर निर्णय पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि होली के दौरान बरती गईं असावधानियां कोरोना से निपटने में चुनौती बन सकती हैं.

संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना के मामलों को रोकने जल्द से जल्द लॉकडाउन लगाए जाने की वकालत की है. बगैर लॉकडाउन के लोगों को रोका नहीं जा सकता. कितनी भी कड़ाई से नियमों को पालन करने और सावधानी बरतने की अपील करें व्यवहारिक जीवन में ये नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि हमें पुराने अनुभवों से सीखना चाहिए और समारोहों में जाकर सुपरस्प्रेडर बनने से बचना चाहिए पर ये सब हो नहीं रहा है.

संसदीय सचिव ने कहा कि अक्सर देखा यह गया है कि जितने भी बड़े समारोह, त्योहार या सभाएं होती हैं, उसके बाद कोविड के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है, वहीं कोरोना वायरस के नए वैरिएंट्स भी सामने आ रहे हैं. हाल ही में डबल म्यूटेडेट वायरस भी मिला है. ये नए वैरिएंट्स ज़्यादा संक्रामक हैं. होली में लोग मिलते-जुलते हैं, इकट्ठा होते हैं और खाना-पीना होता है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने जैसे नियमों का पालन नहीं हो पाता और यही वजहें हैं जो कोरोना वायरस की रफ़्तार को तेज़ कर देंगे.

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विकास ने कहा कि कोरोना वायरस की पहली लहर में 50 हज़ार के आंकड़े छूते-छूते चार से पांच महीने लग गए लेकिन दूसरी लहर में एक महीने के अंदर भारत में मामले नौ हज़ार से 50 हज़ार पर पहुंच गए हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन लगा कर टीकाकरण अभियान को तेज़ किया जाना चाहिए. साथ ही मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों के पालन के लिए भी जोर दिया जाना चाहिए.

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