नई दिल्ली। अत्यधिक संक्रमित कोरोना डेल्टा वेरिएंट उन व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है, जिन्हें वायरस के खिलाफ वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है. ये जानकारी एक अध्ययन से सामने आई है. ये अध्ययन भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और दिल्ली के दो अस्पतालों में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने आयोजित किया गया था.

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अध्ययन में यह पता चला है कि टीकाकरण अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमण की गंभीरता से बचाता है, लेकिन बहुत कमजोर व्यक्तियों को यह संक्रमित कर सकता है. INSACOG और CSIR के शोधकर्ताओं ने कम्प्यूटेशनल दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए महामारी विज्ञान और वायरस जीनोम अनुक्रम डेटा से एक संभावित संचरण नेटवर्क का निर्माण करके स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बीच 113 संक्रमण पर डेटा का विश्लेषण किया. अध्ययन ने पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों के बीच भी संक्रमण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया है.

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इसने उन व्यक्तियों के बीच संभावित वायरस संक्रमण की उच्च संभावनाओं के बारे में भी बताया, जिन्होंने टीकों की दोनों खुराक ले ली है. इस बीच INSACOG ने अपने आखिरी बुलेटिन में कहा कि डेल्टा स्ट्रेन भारत में चिंता का कारण (वीओसी) बना हुआ है. “डेल्टा (बी.1.617.2 और एवाई.एक्स) भारत में मुख्य वीओसी बना हुआ है. कोई नया वीओआई या वीओसी नोट नहीं किया गया है और डेल्टा के अलावा अन्य वीओसी और वीओआई अब भारत से डेटा अनुक्रमित नहीं हैं.