सुनील शर्मा, भिंड। मध्य प्रदेश में सरकार लगातार वैक्सीनेशन को सफल बनाने और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को कोरोना से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीनेशन महाअभियान जैसे कार्यक्रम चला रही है, लेकिन भिंड ज़िले में टारगेट पूरा करने के चक्कर में लोगों की जान से खिलवाड़ तो हो ही रहा है. बल्कि टीकाकरण केंद्र पर पहुंचे लोगों में भी लापरवाहियों को लेकर डर बना हुआ है.

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दरअसल, पूरे मध्यप्रदेश में 25 और 26 अगस्त को टीकाकरण महाअभियान-2 चल रहा है, लेकिन लोगों की जान कोरोना की तीसरी लहर से बचाने की दलीलें देने वाले स्वास्थ्य विभाग को भिंड में टारगेट पूरा करने की इतनी जल्दी पड़ी है कि बचाने वाले टीके से ही लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है. वैक्सीनेशन महाअभियान के तहत ज़िला अस्पताल स्थित वार्ड में बनाए गए टीकाकरण केंद्र पर आम जनता से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगने के साथ कोरोना नियमों के पालन की अपीलें करने वाला स्वास्थ्य विभाग के ज़िला अस्पताल स्थित केंद्र पर ही तमाम अपीलों-दलीलों ओर गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ती नजर आ रही है. यहां ज़्यादातर लोग न तो चेहरों पर मास्क नजर और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं. ये हाल केंद्र पर बने रजिस्ट्रेशन काउंटर पर ही नहीं बल्कि टीका लगाने वाले डेस्क का भी है. खुद नर्सिंग स्टाफ़ द्वारा पूरी भीड़ अपने आसपास इकट्ठा की जा रही है.

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कोरोना नियमों को के अलावा केंद्र पर उससे भी बड़ी लापरवाही देखने को मिली. जहां टारगेट पूरा करने के लिए वैक्सीन लगाने के चक्कर में स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लोगों की जान से खिलवाड़ भी किया जा रहा है. यहां वैक्सिनेशन प्रोटोकॉल को दरकिनार कर हितग्राहियों को सीधे वैक्सीन लगाई जा रही है. जबकि नियम है कि कोरोना का टीका लगने से पहले हितग्राही का ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट यानी हृदयगति और टेम्प्रेचर लिया जाना अनिवार्य है. जिससे की टीका लगने के बाद किसी भी रिऐक्शन की सम्भावना न रहे और इन वाइटल्स की स्थिति ठीक न पाई जाने पर डॉक्टर की सलाह अनुसार ही टीका लगाया जाना चाहिए. इसके अलावा किसी को यदि बीपी, अस्थमा, शुगर जैसी गम्भीर बीमारियां हो तो बिना डॉक्टर की लिखित सलाह टीका नहीं लगाया जाता है, लेकिन भिंड में इन सभी प्रोटोकॉल को मज़ाक़ बनाकर बिना किसी जांच के सीधे वैक्सीन लगाई जा रही है.

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स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही से वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हितग्राही भी चिंतित हैं. एक हितग्राही ने बताया कि उसे टीका लगा दिया गया, लेकिन न तो बीपी चेक किया न ही वैक्सीन लगने के बाद आधा घंटा ऑब्ज़र्वेशन के लिए रुकने को कहा गया. वहीं ग्वालियर से आई एक युवति का तो कहना था कि भिंड और ग्वालियर के वैक्सीनेशन केंद्रों में ज़मीन आसमान का अंतर है. उसने पहला टीका ग्वालियर में लगवाया था, और दूसरा भिंड में लगवाया है. उसने बताया कि ग्वालियर में हर काम सिस्टेमैटिक तरीक़े से होता है, लेकिन भिंड में न तो टेम्प्रेचर चेक किया न बीपी और हार्ट रेट सीधा वैक्सीन लगा दी. अगर कोई रीऐक्शन भी हो तो रोक कर ऑब्ज़र्व करने वाला भी नहीं है. वहीं इस संबंध में कलेक्टर सतीश कुमार एस का कहना है कि सभी जगह नियमानुसार टीकाकरण किया जा रहा है. सभी लोगों का शुगर लेवल चेक करने का प्रावधान नहीं है, लेकिन बाक़ी वाईटल्स की जांच का पता करेंगे.

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