ब्लैक और वाइट फंगस के बाद अब देश में येलो फंगस (Yellow Fungus) ने दस्तक दे दी है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इसके पहले मरीज की सूचना है.

डॉक्टरों के मुताबिक येलो फंगस (Yellow Fungus) एक घातक बीमारी है क्योंकि यह आंतरिक रूप से शुरू होता है. इसके लक्षणों में सुस्ती, कम भूख लगना, या बिल्कुल भी भूख न लगना और वजन कम होना देखा जा रहा है.

प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पीड़ित मरीज गाजियाबाद का रहने वाला है. मरीज की उम्र  34 साल है और वह पूर्व में कोरोना संक्रमित रहा है. इसके अलावा डाइबिटीज से भी पीड़ित है.

जी न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक येलो फंगस एक घातक बीमारी है क्योंकि यह आंतरिक रूप से शुरू होता है. इसके लक्षणों में सुस्ती, कम भूख लगना, या बिल्कुल भी भूख न लगना और वजन कम होना देखा जा रहा है. जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, वैसे-वैसे ये घातक होता जाता है. घावों से मवाद का रिसाव करना और संभवतः खुले घाव की धीमी गति से ठीक होना और सभी घावों की ठीक होने की धीमी गति करना पाया गया है. कुपोषण और अंग विफलता और अंततः परिगलन के कारण धंसी हुई आखें हैं. ईएनटी सर्जन डॉक्टर बृज पाल त्यागी के अस्पताल में मरीज का इलाज शुरू हो गया है.

मुकोर सेप्टिकस (पीले फ़ंगस) के लक्षण हैं, सुस्ती, कम भूख लगना, या बिल्कुल भी भूख न लगना और वजन कम होना. डॉक्टर की सलाह है कि ये गंभीर है और आप इनमें से किसी भी लक्षण को नोटिस करते ही उपचार शुरू कर दें. इसका एक मात्र इलाज amphoteracin b इंजेक्शन है. जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीफ़ंगल है.