राजनांदगांव। ईद को लेकर सेवाइयों का बाजार सज चुका है, लेकिन ग्राहकी नहीं मिलने से दुकानदारों के चेहरों में मायूस नजर आ रही है. वहीं दूसरी ओर बहुत से परिवार नाते-रिश्तेदारों के स्वागत के लिए सालों बाद घर में ही सेवइयां बना रहे हैं.
ईद के मौके पर सेवइयां खाने और खिलाने की परंपरा है. यही वजह है कि बाजार में तमाम तरह की सेवइयों की दुकानें भी सज गई है. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों में खरीदारी को लेकर उत्साह नहीं दिख रहा है. और जो ग्राहक दुकान तक पहुंच रहे हैं, वे भी कम मात्रा में सेवाइयों की खरीदी कर रहे हैं.
सालों से बाजार में सेवइयों की दुकान लगा रहे निशार और पप्पू बताते हैं कि भिलाई से हर साल सेवइयां आती है, जिसे आर्डर देकर बनवाना पड़ता है. लेकिन कोरोना की वजह से ग्राहकी कमजोरी होने की आशंका पर इस वर्ष ऑर्डर नहीं दिया गया है, जो सही साबित होती नजर आ रही है.
दरअसल, कोरोना की वजह से लोगों का एक-दूसरे के घर आना जाना बंद है. ऐसे में मुस्लिम समुदाय के लोग केवल अपने परिवार के लिए ही सेवइयां ले रहे हैं. यही नहीं बहुत से परिवार बाजार से खरीदने की बजाए घर पर ही सेवइयां बना रहे हैं. मोहम्मद सलाम बताते है कि कोरोना की वजह से न तो लोगों के घर जाना होगा, और न ही बुलाना. करीब के नाते-रिश्तेदारों को ही बुलाकर त्योहार मनाएंगे. ऐसे में बहुत ज्यादा सेवइयों की जरूरत नहीं है.
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नदीम बताते हैं कि यह एक तरह से चेंज भी है. कम लोगों को बुलाने की वजह से परिवार की महिलाएं भी स्थिति-परिस्थिति को देखते हुए घर में ही सेवइयां बना ले रही हैं. वैसे भी सालों से बाजार की सेवइयां खाकर उकताहट सी आ गई थी, दशकों बाद घर में बनी सेवइयों का स्वाद चखने को मिलेगा. बचपन में नानी-दादी के हाथों के बनाई गई सेवइयों की स्वाद फिर से ताजा हो जाएगी.
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