नई दिल्ली. पूरी दुनिया में अब कोरोना की वैक्सीन और टेस्ट को लेकर नई-नई खोज की जा रही है. इसी बीच वैज्ञानिकों के एक समूह ने दावा किया है स्मार्ट फोन की मदद से कोरोना टेस्ट किया जा सकेगा और इसके नतीजे के लिए 2-3 दिन का नहीं बल्कि सिर्फ 5 मिनट का इंतेजार करना होगा.
अब तक कोरोना की जांच के लिए दो ही तरीके के टेस्ट का इस्तेमाल हो रहा है. पहला आरटीपीसीआर जिसका नतीजा आने में कम से कम 24 घंटे का समय लगता है. दूसरा है- रैपिड ऐंटीजन टेस्ट जिसका रिज्लट करीब 30 मिनट में आता है. इस बीच यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस के वैज्ञानिकों ने ऐसी तकनीक तैयार की है, जिससे 5 मिनट से कम में कोरोना टेस्ट का नतीजा आ सकता है.
यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस के ग्रेंजर कॉलेज के शोधकर्ताओं ने कोरोना की जांच के लिए एक अल्ट्रासेंसिटिव टेस्ट तैयार किया है. इस टेस्ट में कागज की मदद से इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर तैयार किया गया है, जिससे सिर्फ 5 मिनट के अंदर कोरोना वायरस का पता लगाया जा सकता है.
बीते कुछ समय में वैज्ञानिकों ने 2D नैनोमीटर की मदद से ग्राफीन पॉइंट ऑफ केयर जैसे कुछ बायोसेंसर तैयार किए हैं जिससे बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. ग्राफीन बायोसेंसर की खासीयत ये है कि ये जल्दी रिजल्ट देते हैं और इसे बनाने में लागत भी कम आती है.
जी न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि साइंटिफिक जर्नल एसीएस नैनो में छपी इस स्टडी के मुताबिक ये शोध यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस में बायोइंजीनियरिंग पढ़ रहे छात्र ‘माहा अलाफीफ’ ने किया है. इसमें ग्राफीन बायोसेंसर का इस्तेमाल किया गया है जिससे वायरस का पता लगाया जाता है. अलाफीफ का कहना है कि हम इस वक्त एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जो इस सदी में पहले कभी नहीं देखा गया. इस वैश्विक जरूरत को देखते हुए हमने ऐसी तकनीक तैयार की है जो SARS-CoV-2 का जल्दी पता लगाने में मदद करेगी.
इस शोध में टीम ने इलेक्ट्रोकेमिकल सेंसर से कोविड-19 पॉजिटिव और नेगेटिव सैंपल की जांच की. सेंसर ने 5 मिनट से भी कम समय में नतीजा दिया. नतीजों में पॉजिटिव सैंपल में वोल्टेज काफी ज्यादा पाई गई जब्कि नेगेटिव सैंपल मे वोल्टेज कम रही. साथ ही इसमें वायरस के मौजूद होने की पुष्टि भी हुई है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि जब इस सेंसर को माइक्रोकंट्रोलर, LED स्क्रीन और स्मार्टफोन में जोड़ दिया जाएगा तब घर बैठे लोग इससे टेस्ट कर सकते हैं.