Health Ministry Big Decision on Corona Vaccine: देश में कोरोना के घटते मामलों और टीकाकरण के बढ़ते प्रतिशत को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने फैसला किया है कि वह अब और कोविड-19 के टीके नहीं खरीदेगा. इतना ही नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को टीकाकरण के लिए आवंटित 4,237 करोड़ रुपये भी वापस कर दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी भी सरकार के स्टॉक में 18 मिलियन से ज्यादा वैक्सीन हैं, जो छह महीने तक टीकाकरण अभियान चलाने के लिए काफी है.

क्यों लिया गया है ये फैसला

दरअसल, कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण टीकाकरण कराने वालों की संख्या में कमी आई है. अब लोग टीकाकरण को लेकर उत्साह भी नहीं दिखा रहे हैं. इस साल सरकार ने सभी वयस्कों को मुफ्त बूस्टर खुराक देने के लिए अमृत महोत्सव नामक 75 दिवसीय कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किया, लेकिन वैक्सीन की ज्यादा मांग नहीं थी.

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार के पास बड़ी मात्रा में वैक्सीन का स्टॉक पड़ा हुआ है. इनमें से कई कुछ महीनों के बाद समाप्त भी हो जाएंगे. इन्हीं सब कारणों को देखते हुए सरकार ने अब वैक्सीन नहीं खरीदने का फैसला किया है. सरकार का कहना है कि 6 महीने बाद स्थिति के मुताबिक आगे का फैसला लिया जाएगा.

कितनों को अब तक वैक्सीन मिल चुकी

केंद्र सरकार ने पिछले साल 16 जनवरी से देशभर में टीकाकरण अभियान की शुरुआत की थी. इसके तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मदद के लिए उन्हें कोविड-19 के टीके नि:शुल्क उपलब्ध कराए गए. 16 अक्टूबर 2022 तक देश में 219.32 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिल चुकी थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश की 98 फीसदी वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 92 फीसदी लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. इसके अलावा देश के 15 से 18 वर्ष की आयु के 83.7 प्रतिशत किशोरों को भी टीके की एक खुराक मिल चुकी है, जबकि 72 प्रतिशत किशोरों को दोनों खुराक मिल चुकी हैं.

12 से 14 वर्ष के आयु वर्ग में 87.3 प्रतिशत ने पहली खुराक प्राप्त की है, जबकि 68.1 प्रतिशत ने टीके की दोनों खुराक प्राप्त की हैं. 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में से 27 प्रतिशत पात्र लोगों को बूस्टर खुराक मिली है.

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