इंदौर। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है. जिले के सरकारी दफ्तरों के 45 से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन लगाने के साथ वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट लाना अब अनिवार्य होगा. बिना सर्टिफिकेट वाले कर्मचारियों को दफ्तर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. 15 अप्रैल से यह नियम लागू कर दिया जाएगा.

जानकारी के अनुसार, इंदौर सहित प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को इंदौर में कोरोना के 730 नए मरीज और रिपीट सैंपल 7 सामने आए हैं. कुल 737 मरीज कोरोना पॉजिटिव हैं वहीं दो लोगों की आज मौत हुई है. 5 हजार 209 मरीजों का अस्पताल में उपचार जारी है.

प्रदेश सरकार द्वारा वैक्सीनेशन के लिए इंदौर को 50 हजार वैक्सीनेशन प्रतिदिन का टारगेट दिया गया है. इंदौर में 34 हजार के आसपास एक दिन में वैक्सीनेशन हो पा रहा है. यहां तीन सौ के आसपास प्राइवेट और सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैक्सीनेशन किया जा रहा है. वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

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अधिक मौत 45 साल से ज्यादा के उम्र के लोग

इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि अब सरकारी दफ्तर में जाने वाले 45 साल से ज्यादा के लोगों को अपने साथ वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट लाना अनिवार्य होगा. अगर उन्होंने वैक्सीनेशन नहीं लगवाया तो उन्हें सरकारी दफ्तर में आने की अनुमति नहीं रहेगी. यह नया नियम 15 अप्रैल से इंदौर के सरकारी दफ्तरों में लागू कर दिया जाएगा. वहीं प्रशासन की मानें तो कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग हैं.

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