रायपुर। कोरोना संक्रमण के चलते सारी व्यवस्थाएँ ठप है. लॉकडाउन में निजी से लेकर सरकारी कार्यालय सब बंद है. कोर्ट भी पूरी तरह से बंद है. लेकिन लंबे समय से कोर्ट बंद होने से अब वकीलों में आर्थिक तंगी बढ़ने लगी है. क्योंकि 80 फीसदी वकील ऐसे जिनका गुजारा दैनिक होने वाली आय से चलती है. ऐसे में अब उनके सामने आर्थिक संकट एक बड़ी चुनौती है. लिहाजा अधिवक्ता संघ ने सरकार से सहायता देने की मांग की है.

अधिवक्ता संघ के एन.डी.मानिकपुरी, राजेंद्र जैन, यदुनंदन चंद्रा, अजय जोशी आदि ने राज्य सरकार से अधिवक्ताओं को सहायता राशि प्रदान करने एक पत्रविधि मंत्री मोहम्मद अकबर को लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि कोविड-19 के कुप्रभाव के कारण भारत सरकार के निर्देशानुसार संपूर्ण छत्तीसगढ़ में लॉक डाउन लागू है. इस लॉक डाउन की वजह प्रदेश के सभी लोवर कोर्ट, सेशन कोर्ट और हाईकोर्ट में नियमित सुनवाई बंद है. प्रदेश में लंबी अवधि तक कोर्ट में सुनवाई नहीं होने से अधिवक्ताओं को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्टेट बार कौंसिल के अनुसार प्रदेश में करीब 24000 अधिवक्ता पंजीकृत हैं.

उन्होंने कहा कि यदि उन्हें शासन सहायता राशि 5-5 हजार रुपए प्रदान करती है, तो शासन को केवल 12 करोड रुपए का वित्तीय भार आएगा, जो राज्य सरकार के लिए कोई बड़ी राशि नहीं है. महामारी से निपटने के लिए उन्हें भी आर्थिक सहायता की आवश्यकता है. राज्य सरकार अधिवक्ताओं को सहायता प्रदान करती है तो एक सकारात्मक संदेश जाएगा. उत्तर प्रदेश और मुंबई में इस प्रकार की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है.