रोहित कश्यप, मुंगेली। राज्य से लेकर केंद्र सरकार वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोगों को जागरूक करने के अलावा तरह-तरह की स्कीम समय-समय पर चलाती है. मगर यह स्कीम मुंगेली के फुलवारी गांव में मजाक बनकर रह गई हैं. दरअसल वृक्षारोपण के नाम पर यहां बकायदा शासन ने लाखों रुपए खर्च तो जरूर किए है. लेकिन पंचायत की कारगुजारी से वृक्षारोपण वाले स्थान पर सब्जी की खेती कर पंचायत प्रतिनिधि जेब भरने में लगे हुए हैं. ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का बोलबाला बदस्तूर जारी है.

जनपद पंचायत मुंगेली के ग्राम पंचायत फुलवारी स्थित मॉडल स्कूल परिसर में लाखों रुपये खर्च कर सैकड़ों एकड़ जमीन पर वृक्षारोपण के लिए फेसिंग तार के जरिये घेरा बनाया गया है. घेरे के अंदर नियमानुसार वृक्षारोपण किया जाना था लेकिन दुर्भाग्य यह है कि यहां सिर्फ कागजों में ही 11 लाख रुपये  खर्च कर वृक्षारोपण किया गया है. हकीकत में तो इस जगह पर सरपंच एवं उपसरपंच की मिलीभगत से सब्जी की खेती धड़ल्ले से की जा रही है.

ग्रामीण ने बता कि आवास योजना में लाभ दिलाने के नाम पर सरपंच द्वारा 10- 10 हजार रुपये  ग्रामीणों से ले लिए गए हैं. इसके बाद भी कई लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिला है. वहीं गांव में सार्वजनिक कार्य करने के लिए मंगल भवन निर्माण किया गया है जिसे पंचायत द्वारा अधिग्रहित कर पंचायत मुख्यालय बना दिया गया है. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. हद तो तब हो गई जब सरपंच सचिव ने सरकारी बोर गांव के एक निजी व्यक्ति के घर में खनन करा दिया है  जिसका उपयोग भी निजी तौर पर किया जा रहा है. इस पूरे मामले की शिकायत ग्रामीणों ने लिखित में प्रशासन से भी की है. मगर अभी तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं हुई है.

हालांकि इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने जिला सीईओ  से चर्चा कर एक जांच टीम गठित करने की बात जरूर कही हैं. वही उन्होंने यह भी कहा है कि जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसी के आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.