पुरुषोत्तम पात्र, देवभोग। 49 लाख 50 हजार रुपए की लागत से बने हाईस्कूल के लोकार्पण की तैयारी की जा रही है. इधर अभी लोकार्पण भी नहीं हुआ है और इस हाईस्कूल भवन की हालत जर्जर हो गई है. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर इस भवन का लोकार्पण हो गया, तो यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का क्या हाल होगा.

नए हाईस्कूल भवन की जर्जर हालत, लोकार्पण की तैयारी

लाखों रुपए लगाकर बनाए गए हाईस्कूल भवन में अभी से दीवारों में दरारें पड़ गई हैं. कॉलम और छज्जे से पानी रिस रहा है. इसी से पता चलता है कि निर्माण कार्य में किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है. गुणवत्ताविहीन इस भवन का लोकार्पण 30 सितंबर को संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी से कराए जाने की तैयारी है. ग्राम पंचायत को निमंत्रण बांटने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

बता दें कि देवभोग से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर जंगल के बीच बसे सगडा गांव में लोकनिर्माण विभाग ने भवन निर्माण के लिए ठेका दिया था. बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग संबंधित इंजीनियर ने नहीं की. वहीं प्लास्टर और कॉलम भरने में तय मानक की सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया.

स्कूल प्रबंधन की चिंता

इधर हाईस्कूल प्रबंधन का कहना है कि जब भवन का अभी ये हाल है तो फिर बारिश में इसका क्या हाल होगा. इससे बच्चों की जान को भी खतरा हो सकता है.

इधर सरपंच राजकुमार नागेश ने कहा कि हाईस्कूल पिछले 5 सालों से मिडिल स्कूल के अतिरिक्त कक्ष में लगते आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि मिडिल स्कूल भवन भी जर्जर है. बारिश में स्कूल के दस्तावेज और बच्चों के बस्ते तक भीग जाते हैं. उन्होंने बताया कि जगह की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और बच्चे हादसे के साए में पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

सरपंच राजकुमार ने बताया कि निर्माण के वक्त उन्होंने गुणवत्ताविहीन काम को लेकर कहा भी, लेकिन लोकनिर्माण विभाग के कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में ठेकेदार ने जमकर मनमानी की. हाईस्कूल में 74 बच्चे हैं, जिनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही. अब नए गुणवत्ताविहीन भवन में जाना उनकी मजबूरी है.

इधर जिला पंचायत के निर्माण एवं सकर्म समिति के सभापति ठाकुर ने भी निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की बैठक में वे मामले को उठाएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि वे संसदीय सचिव से आग्रह करेंगे कि पहले वे भवन का निरीक्षण करें, उसके बाद ही इसका लोकार्पण करें.