संदीप शर्मा,विदिशा। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगा ऊपर से लेकर नीचे तक बह रही है। सरकारी विभागों के अलावा गांवों में भी पंचायत स्तर पर इसकी धार पहुंच रही है। जिले के एक ग्राम पंचायत में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां राज्यपाल के कार्यक्रम के पहले गरीब के घर पंखा लगाया गया है। घर के आस-पास साफ-सफाई करवाई गई। कार्यक्रम संपन्न होने के बाद ना सिर्फ पंखा निकालकर ले गए बल्कि सफाई की मजदूरी भी गरीब आदिवासी परिवार से दिलवाई गई है। कहने का मतलब यह है कि पंचायत द्वारा सफाई के लिए भी राशि की व्यवस्था नहीं है या सफाई के नाम पर गरीब हितग्राही से ही पैसा डकार लिया गया।

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में पंचायत प्रशासन और अफसरों की मनमानी से प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल भी अछूते नहीं रहे। जानकारी के अनुसार विदिशा जिले के ग्राम घाटखेड़ी में बीते 24 अगस्त 2021 को मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने एक कार्यक्रम में शिरकत की थी। इस कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने ग्राम घाटखेड़ी निवासी बुधराम आदिवासी के यहां भोजन किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री (पीएम) आवास योजना के तहत बुधराम के नए आवास का शुभारंभ (गृह प्रवेश) किया था।

चंूकि प्रदेश के प्रथम नागरिक राज्यपाल का गांव में दौरा था, इसलिए आनन-फानन में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और ग्राम पंचायत की ओर से बुधराम के घर में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई, जो एक घर के लिए आवश्यक होती है। जैसे घर के सामने स्वागत द्वार, सजावट, पंखा आदि के साथ ही मजदूरों द्वारा बुधराम के घर के आसपास की साफ-सफाई भी करवाई गई थी।

कार्यक्रम खत्म होने के बाद पंचायत और अधिकारियों की मनमानी सामने आई। बुधराम के घर में लगा हुआ पंखा भी निकाल लिया गया। राज्यपाल के कार्यक्रम के लिए साफ-सफाई कराई गई थी उसकी मजदूरी भी गरीब आदिवासी से दिलवाई गई। स्वागत द्वार का पैसा हितग्राही को देने कहा गया।

वहीं इस मामले में गरीब आदिवासी बुधराम के परिवार का कहना है कि यदि पहले से हमें यह जानकारी होती, तो इतनी महंगी गेट (स्वागत द्वार) नहीं लगाते। हम लोग तो सोच रहे थे कि यह सब सरकारी खर्चे पर किया गया। बाद में पैसा मागने पर पता चला कि सरकार ने कुछ नहीं किया।

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