सत्यपाल राजपूत, रायपुर. नगर पालिका निगम में मैकेनिकल स्वीपिंग का ठेका लेने वाली कंपनी की बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. ठेका लेने वाली कंपनी टारगेट पूरा करने बारिश में मशीन से झाड़ू लगवाकर अपना मीटर बढ़ा रही है. फर्जी तरीके से मीटर बढ़ाकर जनता के पैसे को लूटने का मामला तब सामने आया, जब सरेराह लाखेनगर चौक से रायपुरा रोड के बीच गिरते पानी के बीच मशीन चलाया जा रहा था. लोगों ने इसका वीडियो बनाया और वायरल भी किया.

वीडियो में आप देख सकते हैं कि भरी बारिश के बाद गिली सड़क पर स्वीपिंग मशीन से झाड़ू लगवाई जा रही है, लेकिन यह कार्य सूखी सड़क पर किया जाता है. लोगों ने सवाल उठाया है कि जब बारिश से धुल बह गया तो मशीन चलवाने का मकसद और क्या हो सकता है ? वहीं जानकारों का कहना है कि जितना किराया दिया जा रहा है उसमें दर्जनों स्वीपिंग मशीन खरीदा जा सकता है. इस तरह जानबूझकर किराया में खेल खेला जा रहा है.

ग्लोबल गुजरात गुज कंपनी को हर माह 15 दिन स्वीपिंग के लिए 78 लाख रुपए भुगतान किया जाता है. हर दिन के हिसाब से सवा लाख रुपए का भुगतान होता है. कंपनी को दो दिनों में 85 किलोमीटर सफाई करनी होती है. बारिश में कंपनी द्वारा सफाई करना और इस पर कार्रवाई न होना अपने आप में अधिकारियों की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. इस मुद्दे पर महापौर कार्रवाई की बात करने की जगह गड़बड़ करने वाली कंपनी का पक्ष लेते नजर आए. वहीं नेता प्रतिपक्ष सीधे भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं.

एजेंसी द्वारा खुलेआम इस तरह कारनामे को लेकर नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का आरोप है कि रोड स्वीपिंग मशीन द्वारा सड़क को साफ करने के लिए करोड़ों का भुगतान किया जाता है. यह भुगतान 15वें वित्त और 14वें वित्त आयोग के पैसे से होता है. इस मशीन के संचालन पर मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है. आश्चर्य की बात है कि इस मशीन की जरूरत हमको रायपुर शहर में अभी वर्तमान में नहीं है. उसके बावजूद करोड़ों का भुगतान करने मशीनों को बारिश में भी चलाए जा रहे हैं.

फिजूलखर्ची पर हो कार्रवाई: मीनल चौबे

मीनल चौबे ने कहा, कल रात की ताजा घटना है कि अपना टारगेट पूरा करने के लिए एजेंसी मशीन को तेज गति से सड़क पर दौड़ाया. ज्यादा किलोमीटर दर्शाकर भुगतान लेने के लिए यह हथकंडा अपनाया गया. जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा किस तरह से फिजूलखर्ची कर्मचारी अधिकारी कर रहे, ये आप देख सकते हैं. इस पर हम कार्रवाई की मांग करते हैं. पैसे की बर्बादी रायपुर नगर निगम के माध्यम से नहीं होना चाहिए.

अचानक बारिश हुई और गाड़ी आ गई: महापौर

वहीं नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि साफ-सफाई शहर में तो दिखती ही है. कभी रात में गाड़ी आ जाती है और आजाने के बाद स्विपिंग का एक हिस्सा होता है. बारिश में सफाई होती नहीं, लेकिन वह आदमी चला लिया होगा, लेकिन अचानक बारिश हुई और गाड़ी आ गई और वीडियो बन गया होगा. मगर ऐसा नहीं है. साफ सफाई लगातार होती है. सड़क में धूल अब नहीं है.

देखें वायरल वीडियो –