नई दिल्ली। देश के मशहूर वायरोलॉजिस्ट (विषाणु विज्ञानी) शाहिद जमील ने वैज्ञानिकों के सलाहकार समूह के फोरम से इस्तीफा दे दिया है. यह फोरम कोरोना वायरस के विभिन्न वैरिएंट का पता लगाने के लिए गठित किया गया था. उन्हें SARS-CoV-2 वायरस के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप का प्रमुख बनाया गया था, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसी खबरें है कि सरकार से मतभेद को लेकर इस्तीफा दिया है.
विज्ञानी शाहिद जमील ने दिया इस्तीफा
जमील ने कई हफ्तों पहले कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के सरकार के तौरतरीकों पर सवाल उठाए थे. कोरोना संकट के बीच डॉ शाहिद जमील को सरकार की ओर से अहम जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें SARS-CoV-2 वायरस के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप का प्रमुख बनाया गया था, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया.
वैज्ञानिक सलाहकार समूह से इस्तीफा
एक निजी चैनल में दिए साक्षात्कार के मुताबिक जमील ने कहा था कि इसकी वजह बताना उनकी मजबूरी नहीं है. इंसाकाग जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आता है. इस मंत्रालय की सचिव रेणु स्वरूप ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं दी है. ऐसी खबरें हैं कि INSACOG ने सरकार को मार्च में आगाह किया था कि कोरोना के नए और ज्यादा संक्रामक वैरिएंट आने वाले समय पर बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं.
Senior virologist Shahid Jameel resigns as the chairman of scientific advisory group of Indian SARS-CoV-2 Genome Sequencing Consortia (INSACOG), a forum set up by the Centre last year for laboratory and epidemiological surveillance of circulating strains of COVID-19 in India
— ANI (@ANI) May 16, 2021
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के वैरिएंट (स्वरूप) B.1.617 को भारत में कोरोना की दूसरी भयानक लहर का सबसे बड़ा जिम्मेदार माना जा रहा है.
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