कुंजबिहारी साहू, जांजगीर-चाम्पा। अकलतरा क्षेत्र के कोटमीसोनार गांव में स्थित प्रदेश के पहले क्रोकोडायल पार्क के बाद अब कछुओं के लिए पार्क का निर्माण किया जा रहा है. वन विभाग के द्वारा अब टर्टल पार्क यानी कछुआ पार्क बनाया जा रहा है. इसे क्रोकोडायल पार्क के बाहरी क्षेत्र में बनाया जा रहा है.  यह देश का पहला टर्टल पार्क होगा.
कोटमीसोनार के क्रोकोडायल पार्क में छग के अलावा दूसरे राज्यों से भी पर्यटक आते हैं. यहां मगरमच्छों को बहुत पास से देखना काफी रोमांचक भरा पल होता है. टर्टल पार्क बन जाने से यहां बड़ी संख्या में पर्यटन बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
डीएफओ सतोविशा समाजदार के मुताबिक, टर्टल पार्क को अनुमति लेकर जल्द शुरू किया जाएगा. प्रचार-प्रसार के लिए भी लगातार कोशिश की जा रही है, ताकि पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सके. टर्टल पार्क बनाने के पीछे भी वन विभाग की यही मंशा है.
दरअसल कोटमीसोनार गांव में 2005 के दो हादसों के बाद ग्रामीणों की मांग पर शासन स्तर पर तय हुआ कि 120 एकड़ के मुड़ा तालाब में पार्क बनाया जाए और अनेक तालाबों में फैले मगरमच्छों को एक जगह शिफ्ट किया जाए. मुड़ा तालाब के 120 में से 80 एकड़ क्षेत्र में पानी है, जहां अभी 172 मगरमच्छ है.
हर साल मगरमच्छों की संख्या में बढ़ोतरी भी हो रही है. इस तरह 2006 में काम शुरू हुआ और 2008 में छग का पहला क्रोकोडायल पार्क बनकर तैयार हो गया. इसके बाद काफी मशक्कत के बाद सभी मगरमच्छों को 120 एकड़ के मुड़ा तालाब में शिफ्ट किया गया था.