कैलाश जायसवाल, रायपुर। ग्रामीण बैंकों के निजीकरण, बैंकिंग पेंशन-पीएफ और समानता मांग को लेकर ग्रामीण बैंक के कर्मी 26 मार्च से देशव्यापी हड़ताल पर हैं. इसी क्रम में सोमवार से छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के अधिकारी-कर्मचारी भी 3 दिवसीय हड़ताल पर हैं. राजधानी स्थित सुंदरनगर में बैंक कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. उन्होंने हाथों में काली पट्टी बांधकर सड़क पर नारेबाज़ी की. पिछले 2 दिनों से वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन आज तीसरे दिन भी सरकारी की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर उन्होंने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया.
बता दें कि राष्ट्रीय स्तर पर बने साझा मंच यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर देशभर के 56 ग्रामीण बैंकों में कार्यरत एक लाख ग्रामीण बैंक के कर्मचारी अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर 26 से 28 मार्च तक तीन दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. वहीं कल से महावीर जयंती, गुड फ्राइडे, फोर्थ सैटरडे, हजरत अली का जन्मदिवस, रविवार की छुट्टी और सोमवार 2 अप्रैल को बैंकों की वार्षिक लेखाबंदी रहने के कारण 1 अप्रैल तक लगातार इन बैंकों का सामान्य कामकाज ठप रहेगा.
रायपुर बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लगातार आंदोलन करते रहे हैं. इसी 20 मार्च को कर्मचारियों ने संसद मार्च का कार्यक्रम नई दिल्ली में किया. उस समय कर्मचारी नेता ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से भी मुलाकात की. केंद्रीय श्रम आयुक्त के समक्ष भी मामला ले जाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. जिस कारण हड़ताल के लिए विवश होना पड़ा. बैंककर्मियों ने चेतावनी दी गई है कि अगर इसके बाद भी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो इस बार अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा.