कर्ण मिश्रा, ग्वालयिर। मध्यप्रदेश व्यापम फर्जीवाड़े (vyapam fraud) का जिन एक बार फिर से निकला है। ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (जीआरएमसी-Gajra Raja Medical College) से निष्कासित छात्र अरविंद अग्निहोत्री को सीबीआई कोर्ट (CBI Court) ने 5 साल की सजा सुनाई है। वहीं आरोपी पर 4500 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। छात्र ने 2009 में पीएमटी परीक्षा (PMT Exam) फर्जी तरीके से पास की थी। 

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साल 2009 में आयोजित पीएमटी परीक्षा फर्जी तरीके से पास करने के मामले में दोषी ठहराते हुए न्यायालय ने कहा है कि अपराधियों ने एक समूह और सुनियोजित षड्यंत्र बनाकर इस प्रकार के अपराध किए हैं। इसका समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इन अपराधों के कारण ही कई योग्य लोग नौकरी से वंचित रहे हैं।

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जानिए क्या है पूरा मामसला 

दरअसल मुरैना जिले के जोरा निवासी अरविंद का मामला काफी चौंकाने वाला है। व्यापम फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी ने एक गुमनाम शिकायत के आधार पर 12 अप्रैल 2015 को उसे गिरफ्तार किया था। मामले के एक अन्य आरोपी अनिल यादव जिसे दलाल बताया गया उसे मात्र 25 दिन की हिरासत के बाद छोड़ दिया था। जब जांच सीबीआई के सुपुर्द की गई तो उसने भी अनिल को आरोपी नहीं बनाया। अरविंद पर आरोप है कि 5 जुलाई 2009 को दिल्ली के आरकेपुरम स्थित केंद्रीय विद्यालय में हुई पीएमटी परीक्षा में उसने सॉल्वर को बिठाकर परीक्षा पास की थी। इसके बाद जीआरएमसी ग्वालियर में एडमिशन लिया। हालांकि परीक्षा किसने दी इसकी जानकारी किसी के भी पास नहीं है। साल 2015 में जब अरविंद की शिकायत हुई तो कॉलेज प्रबंधन ने उसे 24 जुलाई 2015 को निष्कासित कर दिया था।

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