कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को सेवानिवृत होने के बाद सजा सुनाई है. विशेष न्यायालय ने रिश्वतखोरी के मामले में रिटायर्ड टीआई और एसआई को सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है. 2 लाख रिश्वत लेते पकड़ने जाने के बाद गवाह अपने बयान से मुकर गए थे, लेकिन कोर्ट ने वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर TI-SI कोसजा सुनाई है. कोर्ट ने अपराधियों को बख्शा नहीं है.

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दरअसल ग्वालियर जिले के विशेष न्यायालय ने तत्कालीन टीआई निर्मल जैन को 2 साल की सजा सुनाई है. तत्कालीन एसआई नागेंद्र सिंह भदोरिया को 3 साल की सजा मिली है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अब दोनों रिटायर्ड TI-SI को सजा भुगतनी होगी. उन्हें अपने कर्मों का फल मिला है. पद रहते दोनों बचते रहे, लेकिन पावर जाते ही कार्रवाई हो गई.

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जानकारी के मुताबिक पूरा मामला अक्टूबर 2013 का है. जनकगंज थाना में पदस्थ TI  निर्मल जैन SI भदौरिया ने दो आरोपी को हिरासत में लिया था. उनको छोड़ने के लिए रिश्वत की डिमांड की थी. दो आरोपियों को छोड़ने की एवज में 2 लाख रूपये की रिश्वत ली थी. लेकिन शिकायत लोकायुक्त की टीम ने टीआई और एसआई को पकड़ लिया.

इसके बाद 5 अक्टूबर 2013 को लोकायुक्त की टीम ने TI  निर्मल जैन SI भदौरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी, लेकिन सुनवाई के दौरान रिश्वत देने वाले दोनों गवाह मुकर गए. जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मी के बेगुनाह होने की कगार पर पहुंच गए. लेकिन कोर्ट ने वॉइस रिकॉर्डिंग का मिलान किया. जिसके बाद वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर ही अब सजा सुनाई गई है.

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विशेष न्यायालय ने तत्कालीन टीआई निर्मल जैन को 2 साल और तत्कालीन एसआई नागेंद्र सिंह भदोरिया को 3 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोनों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अब देखना होगा कि दोनों TI-SI को रिश्वतकांड मामले में जमानत मिलती है या गिरफ्तारी की जाती है.

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