लखनऊ। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी वाद पर सुनवाई होनी चाहिए या नहीं इस पर आज वाराणसी जिला जज की अदालत में फैसला होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिला न्यायालय में तीन महीने से हो रही सुनवाई में हिन्दू और मुस्लिम पक्ष अपनी दलील रख चुके हैं. इसके बाद अब फैसले की घड़ी आ चुकी है. अदालत के फैसले के मद्देनजर ज्ञानवापी मस्जिद के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी इस बात को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि आदेश उनके पक्ष में आएगा, क्योंकि सारे साक्ष्य हम लोगों के पक्ष में है. वहीं दूसरी ओर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि आदेश जो भी आएगा उसे स्वीकार किया जाएगा. कोर्ट का आदेश ही माना जाएगा, उसके बाद जो प्रक्रिया होगी उसे किया जाएगा.

सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत की ओर से ज्ञानवापी परिसर में कराए गए सर्वे के बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट चली गई थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जिला जज की अदालत को ऑर्डर 7 रूल 10 के तहत सुनवाई का आदेश दिया था. इस मामले में न्यायालय इस बात पर सुनवाई कर रही थी कि आजादी के समय विशेष उपासना स्थल कानून ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में लागू होता है या नहीं.

बता दें कि 18 अगस्त 2021 को पांच महिलाओं ने शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दायर की थी. इस पर तत्कालीन सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था. 16 मई 2022 को सर्वे की कार्यवाही के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 मई 2022 से इस मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है.

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