गोधन न्याय योजना से गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली आई है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर को कभी खरीदा जाएगा और इसको बेचने से आमदनी भी होगी. लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना ने इनका जीवन बदल दिया है. छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 2 रुपये प्रति किलो में गोबर की खरीदी शुरू की तब से गोबर का मोल मिलने लगा है. अब यह आय का जरिया बन गया है, जिससे गौपालक और चरवाहे आमदनी पाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.
ग्राम बिरकोना के चरवाहा रामजी यादव ने बताया कि वे सुबह और शाम गाय चराने गौठान में आते हैं. उन्होंने कहा कि जब से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई है, तब से दोहरा लाभ मिलने लगा है. एक ओर चराई का मेहनताना मिल रहा है, दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी-खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहे है. उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर 18 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त हुई है. इसके लिए वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते नहीं थकते.
अतिरिक्त आय का जरिया
कवर्धा विकासखंड के ग्राम बिरकोना निवासी गायत्री यादव बताती हैं कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 40 हजार रुपये का गोबर विक्रय कर चुकी है. उन्होंने बताया कि शासन की गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने से अतिरिक्त आय मिल रही है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर का मोल मिलेगा. लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना के तहत गोबर खरीदकर गोबर के महत्व को और अधिक बढ़ाया है.
गोधन न्याय योजना से बढ़ा गाय का महत्व
उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर प्राप्त आमदनी से अपने परिवार के सदस्य के विवाह के लिए जरूरी समान की खरीदी की है. उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गाय के महत्व को बढ़ाया है. उन्होंने बताया कि वे गोबर को 2 रुपये प्रतिकिलो के मूल्य से गौठान में बेचती हैं. इसके बाद समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर विक्रय किया जाता है.