वीरेंद्र कुमार/ नालंदा। बिहार शरीफ की सियासत में आज सीपीआई ने बड़ा धमाका किया। बड़ी पहाड़ी स्थित मानसूर नगर (CPI कार्यालय) में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीपीआई की राष्ट्रीय सचिव एनी राजा और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजय सिंह ने कांग्रेस और एनडीए दोनों पर जमकर निशाना साधा। सभा के दौरान नेताओं के तेवर इतने तीखे थे कि पूरा हॉल तालियों और नारों से गूंज उठा।

कांग्रेस की मनमानी खुलकर सामने

एनी राजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की मनमानी अब साफ दिखने लगी है। उन्होंने कहा जिस गठबंधन को देश बचाने की उम्मीद से बनाया गया था, उसी में कुछ दल अब गैर-लोकतांत्रिक फैसले ले रहे हैं उन्होंने बताया कि गठबंधन में सीपीआई को मात्र 9 सीटें दी गईं जबकि कुल 24 सीटों की सूची जारी की गई है। एनी राजा ने कहा कि यह गरीबों, मजदूरों और किसानों के साथ राजनीतिक विश्वासघात है।

कॉरपोरेट्स के हवाले कर दिया

सीपीआई नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी और पलायन है, लेकिन सरकार समाधान के बजाय कॉरपोरेट घरानों की सेवा में लगी है। भागलपुर में हजारों एकड़ जमीन सिर्फ ₹1 में अडानी ग्रुप को दे दी गई। ये जनता के अधिकारों की खुली लूट है। एनी राजा ने सवाल उठाया कि नीतीश कुमार ने 11 साल पहले कहा था कि बिना विशेष राज्य दर्जे के विकास संभव नहीं, तो फिर आज तक केंद्र से वह दर्जा क्यों नहीं मिला?

कांग्रेस का कोई स्थानीय चेहरा नहीं

रांची के वरिष्ठ सीपीआई नेता अजय सिंह ने कहा कि बिहार शरीफ की धरती हमेशा संघर्ष की प्रतीक रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अगर स्थानीय नेतृत्व होता तो वह बाहरी उम्मीदवार जनता पर नहीं थोपती। जो पार्टी अपने जिले से योग्य बेटा नहीं ढूंढ पाती, वो जनता का दर्द क्या समझेगी? उन्होंने कहा कि सीपीआई ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो बिना पैसे और बाहुबल के, जनता के सहयोग से चुनाव लड़ रही है। यह लड़ाई गरीब बनाम पूंजीपति की है।

संघर्ष की धरती बिहार शरीफ

सीपीआई नेताओं ने कहा कि बिहार शरीफ का इतिहास संघर्षों से भरा हुआ है। यह वही जगह है जहां बीड़ी मजदूरों ने अस्पताल खड़ा किया और किसानों ने अपने हक के लिए लाठियां खाईं। हम सत्ता के लिए नहीं, जनता की लड़ाई के लिए राजनीति करते हैं।

6 नवंबर को जनता देगी जवाब

सभा के अंत में एनी राजा और अजय सिंह ने कहा कि 6 नवंबर को बिहार शरीफ की जनता संघर्ष बनाम सौदेबाज़ी की लड़ाई में फैसला सुनाएगी। उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार वोट उन हाथों में जाएगा जो संघर्ष में सने हैं, न कि उन में जो पूंजीपतियों से सने हैं।