सुशील सलाम, कांकेर। आदिवासियों को विभाजित करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में जनजाति सुरक्षा समिति के मंच पर क्रिश्चन कमेटी पर हमले हुए है. यह राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए एक प्रोपोगंडा है. यह बात धर्मांतरण के नाम पर हुई हिंसा की जांच करने बस्तर पहुंची माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य व पूर्व सांसद वृंदा करात ने कही. इसे भी पढ़ें : चीन की 80 प्रतिशत आबादी कोरोना संक्रमित! नए साल के जश्न में और बढ़ सकते हैं मामले…

धर्मांतरण के नाम पर बस्तर में हुई हिंसा की जांच करने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान वृंदा करात ने आज कांकेर विश्राम गृह में पत्रकारों को संबोधित किया. वृंदा करात ने कहा कि आदिवासी अधिकार मंच और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के डेलिगेशन ने धर्मान्तरण मुद्दे को लेकर तीन प्रभावित जिलों में 100 से अधिक लोगों से मुलाकात की.

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उन्होंने कहा कि हमने जब पीड़ितों से मुलाकात किया तो उन्होंने बताया कि आज तक कोई मंत्री भी हमारी पीड़ा जानने या मिलने के लिए नहीं आए. जब हमने प्रशासनिक अमले से मिला तो उन्होंने बताया कि एक भी ऐसे केस नहीं है, जिसमें जबरन धर्मान्तरण की बात हो.

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पूर्व सांसद ने कहा कि धर्मान्तरण के नाम पर राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की साजिश और कांग्रेस सरकार की असफलता, इन दोनों चीजों के कारण आज गरीब आदिवासियों के ऊपर धर्म के नाम पर हमला हुआ है, जो बहुत ही निंदनीय है. उन्होंने बताया कि धर्मान्तरण मुद्दे पर हमने जो फैक्ट फाइंडिग रिपोर्ट बनाई है, उसका मेमोरेंडम बनाकर आज ही सरकार को सौपेंगे.

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