शिवम मिश्रा, रायपुर। इंडियन प्रीमियम लीग (IPL 2022) का 15 वां सीजन शनिवार से शुरू हो चुका है. क्रिकेट लीग के शुरू होते ही प्रदेश में सट्टा बाजार गर्म हो चुका है. पिछले 3 मैच में करीबन 45 करोड़ से अधिक का सट्टा बाजार में लग चुका है. आईपीएल में पैसा डबल करने का लालच दिखाकर सटोरियों ने लोगों को ठगने की बिसात जमा ली है. वहीं, पुलिस ने भी सटोरियों पर शिकंजा कसने का टेक्निकल सर्विलांस अलर्ट कर दिया है. पुलिस अब खाईवाल और सटोरियों की सूची तैयार कर ली है.

शहर में पूर्व में हुई कार्रवाई और उस कार्रवाई में उजागर होने वाले नामों का खाका तैयार किया गया है. जिसमें करीबन 230 से अधिक खाईवाल और सटोरियों के नाम शामिल है. आईपीएल सीजन के हर एक मैच में टॉस से लेकर बैटिंग, बालिंग, चौके-छक्के यहां तक कि हर एक रन पर भी दांव लगाए जा रहें है. पिछले 3 दिनों में अकेले रायपुर जिले में करीबन 45 करोड़ से अधिक का काला कारोबार हो चुका है.

पुलिस के हाथ में खाईवाल की कुंडली

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट ने सटोरियों की कुंडली तैयार की है, जिसमें पिछले साल पकड़े गए खाईवालों की पड़ताल शुरू कर दी गई है. इस कुंडली छोटे-बड़े मिलाकर करीबन 250 से अधिक के खाईवाल और सटोरिए शामिल हैं.

इतना ही नहीं पुलिस ने शहर के कई अलग-अलग इलाकों को भी चिन्हांकित कर लिया है. जहां वे अपने मुखबिरों को सक्रिय कर रही है. सट्टे के काले कारोबार में शामिल पुराने लोगों की तलाश की जा रही है, ताकि पुराने खाईवाल शहर में या दूसरे जिले से कारोबार संचालित कर रहे हैं.

विशेष टीम करेगी कड़ी निगरानी

एंटी क्राइम एंड साइबर सेल यूनिट की विशेष टीम का गठन किया गया है. जिसमें जिलेभर से 15 सदस्यीय टीम तैयार की गई है. विशेष टीम शहर के अलग-अलग इलाकों में संचालित हो रहे सट्टे के कारोबार पर नजर रखेगी. शहर में हर सीजन में पड़े पैमाने पर सट्टे का कारोबार चलता है, लेकिन पुलिस इस बार काले कारोबार पर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है. पूर्व में रायपुर पुलिस सट्टेबाजी के इस खेल के कई मामलों का भंडाफोड़ करते हुए कई खाईवाल और सटोरियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.

दांव लगाने आईडी पासवर्ड का चल रहा खेल

पुलिस की तमाम कार्रवाई से बचने खाईवाल भी नए-नए तरीके लेकर आ रहें है. सटोरिए अब महफूज जगह पर बैठ इनकमिंग दाव से हटकर आईडी का चलन शुरू कर दिए हैं. आईपीएल मैच में दांव लगाने अलग-अलग नामों की करीबन 70 से अधिक आईडी संचालित की जाती है, जिसका पूरा कनेक्शन बड़े शहरों से होता है. यहां जमा पैसों के हिसाब से आईडी पासवर्ड बना दिया जाता है.

बड़े-बड़े शहरों में बैठे कई बुकी छोटे-छोटे कस्बों में अपनी लाइनें देते हैं, और ये लाइनें अपनी विशेष आईडी पासवर्ड से खुलती है. बड़े शहरों से ये क्रम छोटे शहरों और कस्बों में और छोटे कस्बों से आम सट्टेबाजों तक लाइन बाई लाइन ये धंधा संचालित हो रहा है.

कई जिलों की हो रही निगरानी

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते सीजन में जिन-जिन जिलों से रायपुर के खाईवाल पकड़ाए थे. उन जिलों पर भी पुलिस की विशेष निगरानी है. राज्य में आधा दर्जन ऐसे जिले हैंस, जिसमें सटोरिए खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं. साथ ही सटोरिए अब घूम-घूमकर दांव लगाना और लगवाना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं. इसलिए इस बार खाईवालों की सभी गतिविधियों पर खुफिया नजर रहने वाली है.

एंटी क्राइम और साइबर सेल यूनिट रायपुर के प्रभारी गिरीश तिवारी ने बताया कि सटोरियों की कुंडली निकाली गई है. जिनपर नजर रखी जा रही है. पिछले कार्रवाई में जितने खाईवाल और स्टोरी थे, सभी की लिस्ट तैयार की गई है. साथ ही विशेष टीम के साथ मुखबिर तंत्रों को भी सक्रिय कर दिया गया है. जानकारी मिलते ही कार्रवाई की जाएगी.