न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की दो अपर सत्र न्यायाधीश की न्यायालय ने दुष्कर्म के आरोपित को 20 वर्ष का सश्रम कारावास सहित अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने थाना करनपठार के अपराध की धारा 376(2)(आई), 376(2)(जे), 376(3), 376(ए-बी), 344, 368 भादवि एवं 3/4, 5/6 पाक्सों एक्ट के आरोपी 27 वर्षीय सत्यनारायण मरावी उर्फ गोलू पुत्र अमोले सिंह निवासी ग्राम रनईकापा को तीन धाराओं में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 21,500 रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।
वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी न्यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 4 मई 2020 को पीडिता की भाभी ने थाना करनपठार में लिखित रिपोर्ट दी। उन्होंने बताया वे पीडिता के साथ रहती हैं, करीब 2 माह पहले पीडिता व अपने पति के साथ अपने मायके ग्राम रनईकापा आई थी। 3 मई 2020 की रात्रि सभी लोग घर में बैठे थे और वह बिस्तर लगा रही थी, उसी समय पीडिता निस्तार के लिए बाहर निकली, कुछ देर तक घर नही आने पर मैंने पति के साथ आस-पडोस व गांव में तलाश की लेकिन पता नही चला।
उन्होंने बताया कि, देर रात घर-घर जाकर तलाश करने पर गोलू उर्फ सत्यनारायण के घर में पीड़ित मिली। इसके बाद पीडिता को घर लाकर पूछातांछ में बताया कि रात में निस्तार करने के लिए बाडी तरफ निकली थी तो सत्यनारायण आया और उसका हाथ पकड व मुंह दबाकर स्कूल तरफ ले गया और स्कूल के अंदर ले जाकर उसके साथ गलत काम किया। इसके बाद अपने घर ले जाकर अपनी मां के साथ आंगन में सुला दिया।
वहीं रात अधिक होने व साधन न मिलने पर 4 मई 2020 को रिपोर्ट करने आई हैं। फरियादिया की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपित के विरूद्व अपराध की धारा 376(2)(आई), 376(2)(जे), 376(3), 376(ए-बी), 344, 368 भादवि एवं 3/4, 5/6 पाक्सों एक्ट के अंतर्गत प्रथम सूचना पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां न्यायालय द्वारा अपराध प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी को सजा सुनाई गई।
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शादी का प्रलोभन देकर युवती से दुष्कर्म
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपपुर आर.पी.सेवेतिया की न्यायालय ने थाना जैतहरी के अपराध की धारा 376, 506, 450 भादवि के आरोपी 31 वर्षीय रामजी राठौर पुत्र बैसाखू लाल राठौर निवासी ग्राम चांदपुर को 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो हजार रू.अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। पैरवी लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र कुमार मिश्रा ने पैरवी की।
लोक अभियोजक ने बताया कि 1 नवंबर 2019 को पीडिता के माता-पिता और भाई भागवत की कथा सुनने ग्राम सिंधुरी जाने के कारण घटना दिनांक को पीडिता तथा उसकी छोटी बहन घर में अकेली थी, रात 11 बजे आरोपित पीडिता के घर आया और उसके मना करने पर भी उसके घर में घुस कर उसके साथ शादी का प्रलोभन देते हुए जबरजस्ती दुष्कर्म करते हुए पीडिता को जान से मारने की धमकी दी, जिसके संबंध में पीडिता ने अपनी छोटी बहन को जानकारी दी और घर आने पर अभिभावकों को जानकारी देते हुए थाना जैतहरी में लिखित शिकायत की, जिस पर जैतहरी पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान समाप्ति पर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां न्यायालय ने आरोपी को दोषी पाते हुए सजा सुनाई।
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