आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। एक तरफ जहां बस्तर में सरकारी स्वास्थ्य बदहाल है, तो दूसरी ओर निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मरीजों से लूटने में लगे हैं. इन सबके बीच एक ऐसा मामला शहर में सामने आया है, जहां निजी अस्पताल का संचालन प्रोपराइटर के निधन के बाद भी धड़ल्ले से किया जा रहा है, उससे भी बड़ी बात यह है कि यहां सेवा सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टर देते हैं.
यह भी पढ़ें : पॉवर सेंटर : रिश्वत की चुस्कियां… Ease of Doing Corruption… साधारण… पाठशाला… धार्मिक यात्रा…- आशीष तिवारी
बात हो रही है शहर के दलपत सागर वार्ड में स्थित मां दंतेश्वरी ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर सेंटर की. इस अस्पताल के इंचार्ज व प्रोपराइटर डॉ. जया कुमार रविचंद्र की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है, जिसके बाद इस अस्पताल का संचालन बिना डिग्रीधारी डॉक्टर के किया जा रहा है. हालांकि, मुख्य स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में मौजूद अस्पताल के दस्तावेज में इस अस्पताल के पार्टनरशिप में दीपक बर्मन का नाम शामिल है, लेकिन उनका कहना है कि उनके पास अस्पताल के संचालन लिए कोई डिग्री नहीं है.

बताया जाता है कि अस्पताल में दो सरकारी अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर सेवा दे रहे हैं. इनमें से एक ने अपनी पत्नी के नाम से, तो दूसरे ने अपने बेटे के नाम पर अस्पताल संचालन के लिए पार्टनरशिप कर ली, लेकिन इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में नहीं दी गई है. इस तरह से प्रोपराइटर जया कुमार रविचंद्र के मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को धोखे में रखकर अस्पताल का संचालन किया जा रहा है.
इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक का कहना है कि नियम के मुताबिक मृत व्यक्ति के नाम से अस्पताल का संचालन नहीं किया जा सकता. अस्पताल संचालन के लिए लाइसेंस जया कुमार रविचंद्र के नाम से ही दिया गया है, उनकी मौत के बाद फिर से नए दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होता है, लेकिन ऐसा कोई दस्तावेज या आवेदन स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिला है. उन्होंने इस मामले की पूरी जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कही है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें