ऐसी क्या मुसीबत आन पड़ी कि सीआरपीएफ के जवान को सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ गया ? जब एक जवान के साथ ही गलत होगा, तो आम जनता के साथ इंसाफ कैसे होगा ? बार-बार परिवार के साथ अत्याचार देख जवान क्या-क्या नहीं कर सकता है ? खुद बंदूक रखकर चलने वाले पर जब दूसरे लोग बंदूक तानने लगेंगे, तो प्रशासनिक शिकंजे में जकड़ा जवान पान सिंह तोमर बनने की ही धमकी देगा ? क्योंकि वह उस पद पर रहते हुए कुछ नहीं कर पा रहा है ? क्या एक अधिकारी ही दूसरी अधिकारी की बात नहीं सुन रहा है ? इन सभी सवालों का जवाब मिलेगा, लेकिन उसके लिए आपको इस खबर को विस्तार से जानने की जरुरत है.

शिवा यादव,सुकमा। नक्सलगढ़ में 74वीं बटालियन में तैनात सीआरपीएफ के एक जवान का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में जवान इंसाफ नहीं मिलता देख प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है. उसने कहा कि यदि देश की रक्षा के लिए वे अपनी जान दे सकता हैं, तो अपने परिवार वालों के लिए वह ‘पान सिंह तोमर’ भी बन सकता हैं.

वायरल वीडियो सुकमा जिले का है. लेकिन सीआरपीएफ का जवान प्रमोद कुमार उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले का रहने वाला है. बीते दो दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था. लेकिन अब यह वीडियो वायरल होने लगा है.

जवान का आरोप है कि उसके चाचा ने जमीन हड़प ली है और परिजनों से मारपीट भी करता है. जान से मारने की धमकी देता है. पुलिस भी उससे मिली हुई है. क्योंकि उसके घर के ठीक पीछे पुलिस थाना है. चाचा नेतागिरी करता है इस वजह से पुलिस भी उसका साथ देती है. हमारे शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है. ऐसे में अब उसे प्रशासन से मदद की दरकार है.

वायरल वीडियो में जवान ने ये भी कहा है कि मामले को लेकर उन्होंने अपने उच्च अधिकारी को जानकारी दी थी. जिसके बाद उन्होंने लिखित शिकायत कर जिला कलेक्टर और एसपी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद न कोई कार्रवाई की गई और न ही पत्र का कोई जवाब आया है.

जवान ने वीडियो के ​जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है. कहा है कि आप मामले में संज्ञान लीजिए और उचित कार्रवाई कीजिए. अब देखना यह होगा कि इस मामले में क्या कुछ कार्रवाई होती है.

बता दें कि पान सिंह तोमर चंबल के एक मामूली गांव से निकला फौजी एथलीट था. उसकी प्रतिभा को देखते हुए सेना में भर्ती कर लिया गया. सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उसके गांव में जमीन विवाद हुआ और उसने एक व्यक्ति की हत्या कर दी और खुद को बागी घोषित कर दिया. अपने कुनबे के साथ चंबल के बीहड़ की राह पकड़ी थी और डाकू पान सिंह तोमर बन गया था. हालांकि वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. डकैत पान सिंह तोमर पर बॉलीवुड में एक फिल्म भी बन चुकी है. इस फिल्म में तोमर के डकैत बनने के पीछे की पूरी कहानी दिखाई गई है.